चीन का रुख हुआ नर्म, बोला- भारत भाई जैसा, होते रहते हैं छोटे-मोटे झगड़े
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नई दिल्ली : बात-बात पर भारत को आंख दिखाने वाले चीन के रुख में पिछले कुछ समय में नरमी देखी गई है। कई मसलों पर उसने अपना अड़ियल रुख छोड़ा, जिसमें सबसे बड़ा उदाहरण मसूद अजहर के मुद्दे पर भारत को संयुक्त राष्ट्र में हाल ही में मिली बड़ी कामयाबी है। अब तक मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने के मुद्दे पर रोड़ा अटकाने वाले चीन ने इस बार अपना रुख पलट दिया, जिससे भारत को बड़ी सफलता हाथ लगी।
पिछले पांच साल के कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिल चुके हैं, जिसमें बीते साल अप्रैल में चीन के वुहान में दोनों नेताओं की अनौपचारिक मुलाकात सुर्खियों में रही। अब भारत में चीन के राजदूत लुओ झाओहुई ने भी इसकी तस्दीक की है कि दोनों नेताओं के आपसी ताल्लुकात बेहद अच्छे हैं और विगत कुछ वर्षों में हुई प्रगति से दोनों देशों के संबंधों को बेहतर बनाने में भी मदद मिली।
भारत में चीन के राजदूत के तौर पर दो कार्यकाल के लिए सेवा दे चुके लुओ अब चीन लौट रहे हैं, जहां उन्हें पदोन्नत कर उप-मंत्री के रूप में नई जिम्मेदारी दी गई है। भारत और चीन के संबंधों को पटरी पर लाने में अहम योगदान देने वाले लुओ ने चीन रवानगी से पहले डोकलाम विवाद सहित कई मुद्दों पर खुलकर बात की। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच यह लड़ाई वास्तव में दो भाइयों के बीच होने वाले छोटे-मोटे झगड़े के जैसी थी, जो अब सुलझ चुकी है।
Luo Zhaohui on Doklam standoff: If you compare family exchanges of 2000 yrs, some minor problems are nothing. Of course, it's not nothing & we didn't ignore that matter. We worked together and resolved the problem, which ensured that bilateral relations were back on normal track. https://t.co/iN9c8T22wU
— ANI (@ANI) May 22, 2019
उन्होंने कहा, 'दो बड़े पड़ोसी देशों के बीच किसी बात पर कुछ गलत हो जाना स्वाभाविक है, पर वास्तव में यह एक ही छत के नीचे रहने वाले परिवार के भाइयों के बीच होने वाली कुछ असहमतियों जैसी है, जो स्वाभाविक है... ऐसी छोटी-मोटी समस्याएं मायने नहीं रखतीं।' उन्होंने कहा, 'हमने समस्याओं के समाधान के लिए साथ मिलकर काम किया है, जिससे द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने में मदद मिली।'
चीनी राजनयिक ने इस दौरान पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति के आपसी संबंधों का भी हवाला दिया। उन्होंने कहा, 'पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी पिछले पांच वर्षों में अलग-अलग मौकों पर 17 बार मिल चुके हैं। दोनों नेताओं ने भारत और चीन की आधिकारिक यात्राएं की तो अप्रैल 2018 में वुहान में उनकी अनौपचारिक मुलाकात भी हुई। व्यस्त कार्यक्रम के बीच उन्होंने समय निकाला, जो बेहद महत्वपूर्ण है।'
उन्होंने इस दौरान दोनों देशों के बीच सीमा विवाद पर भी बात की और कहा कि आपसी संबंधों को और बेहतर बनाने के लिए सीमा पर शांति आवश्यक है। चीनी राजनयिक ने दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग बढ़ाने, संबंधों को मजबूत बनाने और विवादों को दूर करने पर जोर दिया। उन्होंने लोकसभा चुनाव के बाद भी दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध बेहतर बने रहने की उम्मीद जताई।