पीएम मोेदी और शाह यूपी में आज विजय संकल्प रैलियों का शंखनाद करेंगे

लखनऊ। भाजपा ने बाकी दो चरणों के लोकसभा चुनावों के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अध्यक्ष अमित शाह की आधा दर्जन विजय संकल्प रैलियां इसी क्षेत्र में होंगी। सरकार और संगठन के अन्य प्रमुख लोगों का भी केंद्र बिंदु पूर्वाचल ही होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आजमगढ़, जौनपुर और प्रयागराज में विजय संकल्प रैलियों में पार्टी प्रत्याशियों के विजय का शंखनाद करेंगे। प्रधानमंत्री दोपहर एक बजे आजमगढ़ में, दो बजे बजे जौनपुर के कुद्दूपुर और शाम पांच बजे प्रयागराज के परेड ग्राउंड में विजय संकल्प रैली को संबोधित करेंगे।
वहीं, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह श्रावस्ती, डुमरियागंज, संतकबीरनगर और सुल्तानपुर लोकसभा क्षेत्र में विजय संकल्प रैलियांे को संबोधित करेंगे। शाह दिन 10 बजे छोटा परेड ग्राउंड (बलरामपुर) पर श्रावस्ती लोकसभा की, दोपहर 11.30 बजे जिला सिद्धार्थनगर जिला जेल के सामने डुमरियागंज लोकसभा क्षेत्र की, दोपहर एक बजे खलीलाबाद के जूनियर हाईस्कूल मैदान में संतकबीरनगर की और तीन बजे खुर्शीद क्लब सिविल लाइन में सुल्तानपुर लोकसभा की विजय संकल्प रैली को संबोधित करेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वाराणसी, चंदौली, भदोही, आजमगढ़ और श्रावस्ती में होंगे। दिन 9.30 पर मुख्यमंत्री वाराणसी में प्रबुद्ध वर्ग के सम्मेलन को संबोधित करेंगे। 11.30 पर चंदौली और 12.35 पर भदोही में चुनावी जनसभा करने के बाद 3.10 पर आजमगढ़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा में उनके साथ होंगे। चार बजे श्रावस्ती में चुनावी सभा करने के बाद 5.30 बजे से सहजनवा (गोरखपुर) के मुरारी इंटर कालेज में बूथ स्तरीय सम्मेलन को संबोधित करेंगे।
राजनाथ गाजीपुर, सलेमपुर और देवरिया में
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह गाजीपुर सलेमपुर और देवरिया में वहां के पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में सभाएं करेंगे। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य प्रयागराज में प्रधानमंत्री के साथ रैली में होंगे।
संगठन के साधेंगे नड्डा, शिवप्रताप और ओझा
केंद्रीय मंत्री और प्रदेश लोकसभा चुनाव प्रभारी जगत प्रकाश नड्डा वाराणसी में, केंद्रीय मंत्री शिवप्रताप शुक्ला संतकबीरनगर और प्रदेश के सहप्रभारी सुनील ओझा गोरखपुर और बांसगांव में संगठनात्मक बैठकों में कार्यकर्ताओं को जीत का टिप्स देंगे। सरकार के मंत्री अनिल राजभर और काशी क्षेत्र के अध्यक्ष महेश चंद्र श्रीवास्तव बस्ती में कार्यकर्ताओं की बैठक लेंगे।
मोदी और शाह पर कार्रवाई से कोर्ट का इन्कार
सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा सांसद अमित शाह के खिलाफ कथित तौर पर आचार संहिता उल्लंघन मामले में कार्रवाई करने की मांग पर विचार करने से इन्कार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि शिकायत पर चुनाव आयोग निर्णय ले चुका है जो कि याचिकाकर्ता की मांग थी। अब यह याचिका महत्वहीन हो गई है।
चुनाव आयोग के निर्णय की मेरिट पर इस याचिका में सुनवाई नहीं हो सकती। याचिकाकर्ता अगर चुनाव आयोग के निर्णय को चुनौती देना चाहती हैं तो अलग से याचिका दाखिल करें। यह कहते हुए बुधवार को मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुष्मिता देव की याचिका निपटा दी। ऐसा करते हुए गोगोई ने कहा कि चुनाव आयोग ने सही या गलत तरीके से शिकायतों पर आदेश पारित कर दिया है। अगर आपको अब भी परेशानी है तो चुनाव आयोग के उस फैसले को चुनौती दें।
देव की ओर से गत मंगलवार को अतिरिक्त हलफनामा दाखिल कर मोदी और शाह के खिलाफ शिकायतों पर निर्णय लेने में चुनाव आयोग पर पक्षपात का आरोप लगाया गया था। देव ने नये हलफनामे में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को भ्रष्टाचारी कहे जाने का मुद्दा भी उठाया था। लेकिन बुधवार को मामले पर सुनवाई शुरू होते ही चुनाव आयोग की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी ने देव की ओर से दाखिल किये गए नये हलफनामे पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इनकी याचिका में मुख्य मांग थी कि चुनाव आयोग इनकी शिकायतों पर फैसला नहीं कर रहा।
आयोग ने सभी शिकायतों का निपटारा कर दिया है इसलिए याचिका में की गई मांग पूरी हो गई है लेकिन याचिकाकर्ता की ओर से मंगलवार को दाखिल किये गए नये हलफनामे में कई नये मुद्दे उठाए गए और राजनीतिक बयान का जिक्र करते हुए याचिका का दायरा बढ़ा दिया गया है।
द्विवेदी ने कहा कि हलफनामे में याचिका का दायरा बढ़ाए जाने की इजाजत नहीं दी जा सकती। इसके जवाब में देव की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि उन्हें कोर्ट ने अतिरिक्त हलफनामा दाखिल करने की इजाजत दी थी और तब उन्होंने यह हलफनामा दाखिल किया है।
सिंघवी ने कहा कि चुनाव आयोग ने उनकी सभी 11 शिकायतें बगैर कारण बताए खारिज की हैं। जबकि सुप्रीम कोर्ट का फैसला है कि कारण बताना चाहिए। सिंघवी की दलीलों पर कोर्ट ने कहा कि अगर उन्हें चुनाव आयोग के आदेशों पर कोई आपत्ति है, तो वह अलग से याचिका दाखिल कर उसे चुनौती दें। हलफनामे में उसे चुनौती नहीं दी जा सकती। सिंघवी ने कहा कि जब उसी मसले पर उनकी याचिका लंबित है तो कोर्ट उसी में यह बात भी सुन ले।
चुनाव आयोग ने उनकी शिकायतों पर 31 दिन में फैसला लिया है। लेकिन कोर्ट ने सिंघवी की दलीलें ठुकराते हुए कहा कि कोर्ट में मामले की सुनवाई के कुछ नियम होते हैं और उनका पालन करना होता है। इस याचिका में आयोग के आदेश की मेरिट पर सुनवाई नहीं हो सकती। याचिकाकर्ता चाहे तो अलग से याचिका दाखिल कर सकती है।
देव ने मोदी और शाह पर घृणा फैलाने वाले भाषण देने और सेना के नाम का प्रयोग किये जाने का आरोप लगाते हुए चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन बताया था। देव ने कोर्ट से कहा था कि इस बारे में उन्होंने चुनाव आयोग से दोनों नेताओं के खिलाफ कुल 11 शिकायतें कर रखी हैं लेकिन आयोग ने किसी भी पर निर्णय नहीं किया है। जिस पर कोर्ट ने आयोग से शिकायतों पर निर्णय लेने को कहा था। इसके बाद आयोग ने सभी शिकायतों का निपटारा करते हुए मोदी व शाह को आचार संहिता के उल्लंघन के आरोपों से क्लीनचिट दे दी थी।