लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पर कल से 6 दिन भारी, जानिए पूरा मामला
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स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) घोटाले से जुड़े मामले में लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ दर्ज सीबीआई के मामले में आरोप तय करने पर बहस के लिए 6 दिन की समय सीमा तय की है.
किसी भी कारण से नहीं टलेगा
सीबीआई कोर्ट ने MP/ MLA के खिलाफ दर्ज मुकदमे को तेजी से निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में बार-बार दिए आदेशों का जिक्र करते हुए अपने आदेश में कहा है कि IRCTC घोटाले में सभी पक्ष 28 फरवरी से 7 मार्च के बीच 6 दिन में अपनी बहस पूरी करें. इन 6 दिनों में कोर्ट लगातार दोनों पक्षों की बहस को सुनेगी. साथ ही कोर्ट ने बचाव पक्ष को साफ किया कि वो अपने बचाव के लिए पूरी तैयारी करके आए. इन 6 दिनों में किसी भी कारण से कोर्ट को स्थगित नहीं किया जाएगा.
आदेश में आगे कहा गया है कि आरोप पर दलीलें पहले आंशिक रूप से सीबीआई अदालत द्वारा सुनी जा चुकी हैं, जिसमें सीबीआई ने अपनी प्रारंभिक दलीलें पूरी कर ली थीं, जबकि कानून के अनुमानित प्रश्न पर पर्याप्त दलीलें लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के लिए सीबीआई के वकील द्वारा आगे बढ़ाई गई थीं.
आरोप तय हुआ तो क्या होगा
जानकार लोगों के मुताबिक, सीबीआई एक दिन में आदेश के खिलाफ अपनी दलील पूरी कर लेगी, जिसके बाद बचाव पक्ष के वकील अपनी जवाबी दलीलें पेश करेंगे, जिसके बाद अदालत इस पर अपना फैसला सुनाएगी कि आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए जाएं या नहीं. यदि अदालत आरोप तय करने का निर्णय लेती है, तो इसका मतलब मामले में मुकदमा शुरू करना होगा. इसके बाद गवाही होगी.
अब तक क्यों लटका था मामला
इस मामले के लालू यादव और उनके परिवार के साथ अभियुक्त पूर्व सरकारी कर्मचारी विनोद अस्थाना ने अपने खिलाफ आरोप तय करने पर सर्वोच्च न्यायालय से स्टे प्राप्त कर लिया था, जिसके बाद यह मामला निचली अदालत में लटका हुआ था. अस्थाना ने मामले में निचली अदालत द्वारा लिए गए सीबीआई के आरोपपत्र पर संज्ञान को रद्द करने की मांग की थी. अस्थाना ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया था, जिसने अक्टूबर 2022 में उनकी याचिका खारिज कर दी थी और फैसला सुनाया था कि ऐसे प्रारंभिक चरण में कार्यवाही को रद्द करना संभव नहीं होगा.
सर्वोच्च न्यायालय ने 11 फरवरी को अस्थाना की याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि आरोप तय करने के समय इस अदालत के समक्ष सभी मुद्दों को उठाया जा सकता है. सीबीआई अदालत ने 20 फरवरी के अपने आदेश में कहा कि 11 फरवरी के शीर्ष अदालत के आदेशों के मद्देनजर, अदालत आरोप के पहलू की सुनवाई के साथ आगे बढ़ेगी.
सीबीआई के लालू परिवार पर आरोप
लालू प्रसाद यादव पर 2004 से 2009 तक यूपीए सरकार में रेल मंत्री रहते हुए आईआरसीटीसी होटलों के आवंटन में कथित तौर पर अनियमितताएं करने का आरोप है. जांच एजेंसी CBI का आरोप है कि लालू यादव ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए होटलों के आवंटन में फायदा पहुंचाया और बदले में जमीन अपने परिवार के नाम करवाई. वहीं राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पर भी इस मामले में शामिल होने का आरोप है. अन्य आरोपियों में सरकारी अधिकारी और निजी कंपनियां शामिल हैं.