कोहरा-कंपकंपी पीछे छूटी, आगे आस्था का जन ज्वार, संगम पर पहुंचे लाखों श्रद्धालु
घना कोहरा,थरथरा देने वाली कंपकंपी आस्था के आगे मीलों पीछे छूट गई। संगम पर आधी रात लाखों श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा। कहीं तिल रखने की जगह नहीं बची। आधी रात से ही पौैष पूर्णिमा की प्रथम डुबकी का शुभारंभ हो गया। इसी के साथ संगम की रेती पर जप, तप, ध्यान की वेदियां सजाकर मास पर्यंत यज्ञ-अनुष्ठानों के साथ कल्पवास आरंभ हो गया।
रविवार को पूरब-पश्चिम, उत्तर, दक्षिण सभी दिशाओं से संगम जाने वाले मार्गों पर कल्पवासियों का रेला उमड़ पड़ा। पांटून पुलों से लेकर सड़कों तक तिल रखने की जगह नहीं बची।पौष पूर्णिमा के प्रथम स्नान पर्व की डुबकी आधी रात से आरंभ हो गई। रविवार से मास पर्यंत कल्पवास आरंभ होगा, रात भर रेती पर कल्पवासियों की गृहस्थी भी बसती रही। विश्व के सबसे बड़े आयोजन के रूप में महाकुंभ गुलजार हो गया।
ट्रैक्टर ट्राॅलियों पर महीने भर की गृहस्थी लेकर लोग शिविरों में पहुंच गए। जौनपुर, बलिया, देवरिया, आजमगढ़, वाराणसी, रीवा और बिलासपुर से काफी संख्या में कल्पवासी बांस, लकड़ी, पुआल के बीच गृहस्थी लादकर देर रात तक शिविरों में पहुंचते रहे। कल्पवासियों का कारवां चलने से पांटून पुलों से लेकर चकर्ड प्लेट मार्गों तक वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं। कल्पवासियों के आगमन के साथ ही रेती पर बसी विश्व की सबसे बड़ी और अद्भुत तंबुओं की नगरी चमकने लगी। गंगा-यमुना के किनारे 12 किमी लंबे स्नान घाटों पर पौष पूर्णिमा की डुबकी आरंभ हो गई है।
प्रमुख स्नान पर्व
13 जनवरी - पौष पूर्णिमा
14 जनवरी - मकर संक्रांति - शाही स्नान
29 जनवरी - मौनी अमावस्या - शाही स्नान
02 फरवरी - वसंत पंचमी - शाही स्नान
12 फरवरी - माघी पूर्णिमा
26 फरवरी - महाशिवरात्रि
07 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के पौष पूर्णिमा पर डुबकी लगाने का अनुमान
30 पांटून पुलों से होगा विश्व की सबसे बड़ी तंबुओं की नगरी में प्रवेश।
04 हजार हेक्टेयर में फैला है महाकुंभ मेला क्षेत्र।
02 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में पार्किंग का निर्माण
80 ठहराव स्थल बनाए गए भीड़ प्रबंधन के लिए ।
24 सैटेलाइट पार्किंग स्थल संगम के नजदीक बनाए गए ।
7 रूटों से मेले में अमृत स्नान के लिए आएंगे करोड़ाें श्रद्धालु।
102 पार्किंग स्थलों पर पार्क किए जा सकेंगे 5 लाख वाहन।
महाकुंभ में शामिल होने के लिए आते श्रद्धालु। - फोटो : अमर उजाला।
सामान्य दिनों और मुख्य स्नान पर्वों के लिए यातायात व्यवस्था
संगम क्षेत्र नो ह्वीकल जोन बना
अपने-अपने वाहनों में जरूरत का सभी साजो-सामान लेकर श्रद्धालु संगम की रेती पर विभिन्न मार्गों से दिन रात प्रवेश कर रहे हैं। देशभर के कोने-कोने से संगम में एक डुबकी लगाने की चाह लेकर आने वाले श्रद्धालुओं का जत्था भी संगम की ओर बढ़ जा रहा है। संगम क्षेत्र में नो व्हीकल जाेन घोषित होने के कारण शहर के सभी प्रमुख मार्गों पर जाम लग रहा है। लाखों श्रद्धालु अबतक संगम की रेती पर कल्पवास करने पहुंच चुके हैं।
महाकुंभ में खास
10 हजार संस्थाओं की बसा्वट
12 किमीा लंबे घाटों परर होगा अमृत स्नान
1850 हेक्टेयर में पार्किंग स्थल बनाए गए
661 किमी लंबी बना्ई गई हैं चकर्ड प्लेट सड़कें
67 हजार स्ट्रीट लाइट्स लगाई गईं हैं।
1.50 लाख शौचालय बनाए गए हैं।
1 लाख 60 हजार टेंट लगाए गए हैं।
25 हजार लोगों के लिए फ्री बेड की सुविधा।