काशी में लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई पुण्य की डुबकी
मकर संक्रांति आज पुष्य नक्षत्र में मनाई जा रही है। काशी के सभी प्रमुख घाटों पर भोर से ही स्नान, दान का सिलसिला जारी है। स्नान के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 6:46 से शुरू हुआ जो शाम तक चलेगा। स्नान के बाद भक्त काशी विश्वनाथ धाम समेत विभिन्न मंदिरों में पहुंचकर दर्शन पूजन कर रहे हैं। इसके साथ ही आसपास के जिलों व अन्य शहरों से काशी पहुंचे श्रद्धालु स्नान, दान के बाद घाटों पर तस्वीरों के जरिए इस पल को यादगार बना रहे हैं।
काशी में भक्तों द्वारा गंगा स्नान कर दान-पुण्य का सिलसिला शुरू हो गया है। इसके साथ ही बाबा विश्वनाथ सहित अन्य मंदिरों में दर्शन पूजन का सिलसिला जारी है। दर्शनार्थियों के आने का सिलसिला सोमवार से ही शुरू हो गया था।
सात साल बाद मकर संक्रांति इस बार 14 जनवरी को पड़ रही है। काशी में पुण्य फल स्नान के लिए श्रद्धालु पहुंचे हैं। मंगलवार को सुबह से ही स्नान शुरू हो गया। श्रद्धालु करीब सभी घाटों पर गंगा में स्नान कर रहे हैं।
खासकर दशाश्वमेध घाट, अस्सीघाट, केदारघाट, पंचगंगा घाट, गायघाट, राजघाट और भैंसासुर घाट पर काफी भीड़ रही। स्नान करने के लिए पूर्वांचल भर से श्रद्धालु पहुंचे हैं। स्नान भोर से ही शुरू हो गया।
ज्योतिषाचार्यों के सूर्य भगवान का मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी को दिन में 3:27 बजे होगा। मगर, पवित्र स्नान सूर्योदय से ही शुरू हो गया।
इस बार मेष, मिथुन, कुंभ, मकर, वृषभ, मीन सहित सात लग्न और दो मुख्य योग विष्कुंभ और स्थिर योग है। इसके अलावा गुरु और मंगल के बीच अर्द्ध केंद्र व भौम पुष्य योग भी बन रहा है। पुष्य नक्षत्र और पुनर्वसु का संगम भी बना है।
माघ माह में कल्पवास का मिलेगा पुण्यफल
मकर संक्रांति के साथ ही माघ मास शुरू हो जाएगा। माघ मास में नदियों में स्नान और कल्पवास का पुण्यफल मिलेगा। धर्मशास्त्रों में इस माह का विशेष महत्व है। नदियों, तीर्थस्थलों और पवित्र घाटों पर स्नान करने, कल्पवास, उपवास और दान करने से अनंत पुण्य प्राप्त होता है। इस मास में भगवान माधव का पूजन अत्यंत फलदायी होता है।