चंदौली में अधिकारी देते हैं कागजी फरमान, नहीं होती कोई कार्रवाई...
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आरोप - निरीक्षण में धान क्रय केंद्रों पर व्यापक अनियमितता मिलने के बाद भी नहीं हुई कोई कार्रवाई, कागजी फरमान का नोटिस जारी कर, एडीएम ने मामले से पल्ला झाड़ा...!
ओ पी श्रीवास्तव, चंदौली
चंदौली: धान के कटोरे की संज्ञा से फेमस जनपद में किसानों को ठगने का मामला नया नहीं है। लेकिन अधिकारियों की उदासीनता की पराकाष्ठा तब सामने आई जब मूल्य समर्थन योजना के अंतर्गत संचालित धान क्रय केंद्रों पर जिले के अधिकारियों की मिलीभगत से बिचौलियों के माध्यम से कराए जा रहे धान खरीद के बाबत संजय कुमार मिश्रा निवासी मझवार जनपद चंदौली ने लिखित रूप से एडीएम चंदौली के समक्ष बिंदुवार प्रार्थना पत्र देकर जांच और कार्रवाई की गुहार लगाई। अधिकारियों की जांच में व्यापक अनियमितता मिलने के बाद भी एडीएम द्वारा सिर्फ कागजी कार्रवाई का नोटिस जारी कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। जिसके बाद पीड़ित डीएम से लेकर उच्चाधिकारियों के दरवाजे पर न्याय की गुहार लगाने को मजबूर है।
जानिए पूरा मामला ...
बता दें कि सुरेन्द्र मिश्रा द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्र का अवलोकन कर एडीएम चंदौली सुरेन्द्र सिंह के नेतृत्व में जिला खरीद अधिकारी,जिला खाद्य विपणन अधिकारी, क्षेत्रीय विपणन अधिकारी एक खाद्य विभाग के अन्य अधिकारियों के साथ एक टीम का गठन कर 31 दिसंबर 2024 को एमआरयूपी एग्रो इंडस्ट्रीज विशुनपुरा एवं आर्या राइस मिल मैढ़ी की जांच की गई तो व्यापक रूप से प्रार्थना पत्र द्वारा लगाए गए आरोपों की पुष्टि हुई। अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान विशुनपुरा स्थित एमआरयूपी एग्रो इंडस्ट्रीज में करीब 55 हजार बोरी धान एवं आत्याधिक मात्रा में चावल बरामद हुआ। वहीं आर्या राइस मिल मैढ़ी में करीब 40 हजार बोरी धान एवं गोपनीय सरकारी टीडी बरामद हुआ।जबकि आर्या राइस मिल पर विगत वर्षों में सरकार का चावल बकाया एवं आरसी भी निर्गत है। संभागीय खाद्य नियंत्रक द्वारा उक्त राइस मिल को ब्लैक लिस्टेड घोषित किया गया है। वर्तमान खरीद वर्ष में धान की हालिंग हेतु किसी क्रय केंद्र से संबंधित नहीं है। बता दें कि राइस मिल पर सरकारी कागजात एवं इतने भारी मात्रा में धान का पाया जाना व्यापक स्तर पर कालाबाजारी सामने आते हुए अधिकारियों द्वारा कोई ठोस कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई जो विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत और उदासीनता को दर्शाता है।
बतौर संजय कुमार मिश्रा की माने तो प्रार्थना पत्र के आधार पर दोनों राइस मिलों का संबंधित अधिकारियों द्वारा निरीक्षण करने पर व्यापक अनियमितता उजागर हुई थी। एडीएम चंदौली ने राइस मिल के प्रोपराइटर रविकांत उपाध्याय और मिथिलेश मिश्रा को अनियमितता के आधार पर शासनादेश का उल्लंघन बताते हुए सरकार की छवि धूमिल करने का मंसूबा बताते हुए नोटिस जारी कर दो दिवस के अंदर स्पष्टीकरण की मांग की गई। हालांकि संजय कुमार मिश्रा की माने तो नोटिस के बाद भी राइस मिल और उसके प्रोपराइटर पर कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाना अधिकारियों की उदासीनता को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि आनलाइन शिकायत का स्पष्टीकरण भी दो महीने से लंबित है, जो अधिकारियों की मिली भगत का परिचायक है। उन्होंने चंदौली डीएम से स्पष्ट और सचेष्ट कार्रवाई की मांग की है।