यूपी के घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बड़ी राहत, रात-दिन एक समान ही रहेगी बिजली की दर
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लखनऊ। घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं के लिए फिलहाल रात-दिन बिजली की दरें यथावत एक समान ही रहने वाली हैं। घरेलू के साथ ही वाणिज्यिक उपभोक्ताओं के मामले भी अभी टीओडी (टाइम ऑफ डे) टैरिफ लागू होने के आसार नहीं है।
कारण है कि टीओडी लागू करने के लिए जिस स्मार्ट मीटर का होना जरूरी है, वही सभी उपभोक्ताओं के यहां लगाए जाने के लिए पावर कारपोरेशन प्रबंधन को कम से कम डेढ़ वर्ष का समय चाहिए।
इस बीच टीओडी के विरोध में उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने विद्युत नियामक आयोग में प्रस्ताव दाखिल कर कहा है कि इसे प्रदेश में लागू नहीं होने दिया जाएगा।
20 प्रतिशत महंगी हो जाएगी बिजली
घरेलू व वाणिज्यिक उपभोक्ताओं के लिए टीओडी टैरिफ को आव्यवहारिक बताते हुए उपभोक्ता परिषद का कहना है कि इसके लागू होने से घरेलू व दुकानदारों की बिजली 20 प्रतिशत महंगी हो जाएगी।
दरअसल, नियामक आयोग द्वारा प्रस्तावित मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन में उद्योगों की तरह अन्य श्रेणियों के उपभोक्ताओं के लिए भी टीओडी टैरिफ का प्रस्ताव है। इसके लागू होने पर दिन व रात की बिजली की दरें सामान्य से 10 से 20 प्रतिशत तक सस्ती व महंगी हो सकती है।
रात में ही दरें ज्यादा रखने की बात
परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा का मानना है कि इससे राज्य के 3.45 करोड़ विद्युत उपभोक्ताओं में से लगभग 2.85 करोड़ घरेलू उपभोक्ताओं का बिजली का खर्च बढ़ जाएगा।
कारण है कि घरेलू उपभोक्ताओं द्वारा 70 प्रतिशत बिजली का उपभोग रात में किया जाता है और रात में ही 10 से 20 प्रतिशत बिजली की दरें ज्यादा रखने की बात केंद्र सरकार की संबंधित नियमावली में कही गई है।
आयोग में लोक महत्व का प्रस्ताव दाखिल करने के साथ ही वर्मा ने बुधवार को आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार से मुलाकात कर अपनी बात रखी। परिषद अध्यक्ष ने टीओडी प्रस्ताव को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि वह प्रदेश में टीओडी को लागू नहीं होने देंगे।
नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर बनाए गए कानून व नियमों को आयोग द्वारा मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन में शामिल किया जाता है। रेगुलेशन के आधार पर टैरिफ को तय किया जाता है। उन्होंने बताया कि टीओडी लागू करने या न करने के संबंध में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है।