फ्लाइट की टिकटों की बेहताशा वृद्धि से महाकुंभ में जानेवाले यात्री नाराज - अनिल गलगली
![फ्लाइट की टिकटों की बेहताशा वृद्धि से महाकुंभ में जानेवाले यात्री नाराज - अनिल गलगली फ्लाइट की टिकटों की बेहताशा वृद्धि से महाकुंभ में जानेवाले यात्री नाराज - अनिल गलगली](https://www.jantakiawaz.org/h-upload/2025/01/25/531945-de173325-17b6-4033-8911-a87dfab67ba3.webp)
अधिकतम और न्यूनतम सीमा तय करे सरकार
महाकुंभ के लिए यात्रियों की संख्या में भारी वृद्धि के कारण ट्रेन और फ्लाइट की टिकटों की उपलब्धता और कीमतें एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गई हैं। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली द्वारा केंद्र सरकार से यह सवाल करना एक प्रासंगिक पहल है, क्योंकि यह यात्रियों को बढ़ते खर्चों से राहत दिलाने के लिए आवश्यक कदमों की ओर ध्यान खींचता है।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने नागरी उड्डयन मंत्री को लिखी हुई चिठ्ठी में टिकट कीमतों पर नियंत्रण लाने के संभावित उपाय की आवश्यकता पर जोर दिया। फ्लाइट टिकट पर कैपिंग आवश्यकता है। सरकार घरेलू उड़ानों की अधिकतम और न्यूनतम सीमा तय कर सकती है, जैसा कि कोविड-19 महामारी के दौरान किया गया था। इससे यात्रियों को अनावश्यक बढ़ोतरी से बचाया जा सकता है। डायनेमिक प्राइसिंग पर निगरानी भी जरूरी है। फ्लाइट टिकट की कीमतें मांग और समय पर आधारित होती हैं, लेकिन सरकार या नियामक एजेंसियां यह सुनिश्चित कर सकती हैं कि "डायनेमिक प्राइसिंग" के नाम पर असामान्य वृद्धि न हो। अनिल गलगली के अनुसार सबसिडी और पैकेज सरकार को घोषित करना चाहिए। सरकार धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों के लिए विशेष सब्सिडी या ट्रैवल पैकेज लागू कर सकती है। ट्रेन और बस नेटवर्क को मजबूत बनाना चाहिए
फ्लाइट टिकट महंगी होने पर यात्रियों के लिए ट्रेन और बस जैसे किफायती विकल्प अधिक प्रभावी हो सकते हैं। इन साधनों में भी सीटों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए।
यह कदम न केवल यात्रियों के लिए सहायक होंगे, बल्कि इससे कुंभ मेले जैसे आयोजनों में सुगम यात्रा का अनुभव भी सुनिश्चित किया जा सकेगा, ऐसा अनिल गलगली का मानना है।