कब्जामुक्त होगा राजा ययाति का किला, राज्य पुरातत्व विभाग ने डीएम को भेजा पत्र, टीम गठित करने के निर्देश
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कानपुर में जाजमऊ स्थित राजा ययाति किला अब कब्जा मुक्त होगा। राज्य पुरातत्व विभाग ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर अतिक्रमण हटवाने के लिए टीम गठित करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही नागेश्वर सिद्धपुरी धाम मंदिर और बुड़ियाघाट से भी अतिक्रमण हटाने और इसका जीर्णोद्धार कराने को कहा है।
राजा ययाति टीले की दुर्दशा के मुद्दे को अमर उजाला ने प्रमुखता से उठाया था। साथ ही, सनातन मठ-मंदिर रक्षा समिति ने भी अभियान चलाया था। इस मामले में पर्यटन व संस्कृति मंत्री ने राज्य पुरातत्व विभाग को निर्देश दिए थे। विभाग ने कानपुर जिलाधिकारी को पत्र भेजकर कहा है कि राजा ययाति टीला राज्य संरक्षित स्थल है जिस पर वर्तमान में स्थानीय लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है।
पुलिस प्रशासन और राजस्व की टीम गठित कर कार्रवाई करें
यह पुरातात्विक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण होने के साथ ही इसे भावी पीढ़ी के पुरातात्विक अध्ययन के लिए सुरक्षित रखा जाना जरूरी है। अतिक्रमण के कारण इसका पुरातात्विक अस्तित्व विलुप्त होता जा रहा है। इसे अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए जिला व पुलिस प्रशासन और राजस्व की टीम गठित कर आवश्यक कार्रवाई करें।
पांच बीघे से नहीं हट रहा अतिक्रमण
राजा ययाति का किला भू-माफियाओं के कब्जे और उपेक्षा का शिकार है। मिट्टी की खोदाई व अवैध कब्जों ने ऐतिहासिक स्थल को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया है। अतिक्रमणकारियो ने बेशकीमती पुरातत्व अवशेषों को निकालकर बेच दिया है। अब 16 बीघा क्षेत्रफल वाले टीले के पांच बीघे क्षेत्रफल से लोग कब्जा छोड़ने को तैयार नहीं हैं। इसे लेकर अमर उजाला ने चार जनवरी के अंक में खबर प्रकाशित की थी।