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उत्तर प्रदेश

संतों का आह्वान, हर हिंदू परिवार में हो कम से कम तीन बच्चों का जन्म; बांग्लादेश में हो रहे अत्याचार

संतों का आह्वान, हर हिंदू परिवार में हो कम से कम तीन बच्चों का जन्म; बांग्लादेश में हो रहे अत्याचार
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महाकुंभ नगर में विहिप की ओर से आयोजित विराट संत सम्मेलन में संतों ने हिंदुओं की घटती जनसंख्या पर चिंता जताई। कहा कि हिंदुओं की घटती जन्म दर से देश में हिंदू जनसंख्या का असंतुलन हो रहा है। संतों ने आह्वान किया कि हर हिंदू परिवार में कम से कम तीन बच्चों का जन्म हो।

विहिप शिविर में एक दिन पूर्व मार्गदर्शक मंडल की बैठक में उठे तमाम बिंदुओं पर संतों ने विस्तृत चर्चा की। कहा गया कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर लगातार सुनियोजित अत्याचार हो रहा है। भारत में भी कुछ तत्व हिंदुओं को बांग्लादेश जैसी स्थिति उत्पन्न करने की धमकी दे रहे हैं। देश में हिंदुओं को इस विषय पर गहन चिंतन करना चाहिए। वक्फ बोर्ड के निरंकुश व असीमित अधिकारों को सीमित करने के लिए केंद्र सरकार कानून सुधार अधिनियम ला रही हैं। इस पर सभी दलों के सांसदों का सहयोग होना चाहिए।

सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण जैसे अनेक विषयों के संदर्भ में मार्गदर्शक मंडल की बैठक में चर्चा हुई थी । विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय महामंत्री बजरंग लाल बंगड़ा ने कहा कि संत सम्मेलन में मार्गदर्शक मंडल में पूज्य संतों द्वारा दुनिया भर के हिंदू समाज का मार्गदर्शन किया। कहा कि देश भर में हिंदू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त किया जाना चाहिए। ओडिशा से आए प्रभाकर दास जी महाराज ने अपने संबोधन में हिंदू समाज की एकता पर बल दिया।

वहीं वाल्मीकि समाज से योगी उमेश नाथ ने अपने संबोधन में हिंदू समाज में घटती जनसंख्या पर चिंता जताई। निवेदन किया कि कि हिंदू समाज अपनी जनसंख्या को बढ़ाएं। इसके पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, लिंग रिंपोचे, भास्कर गिरि, स्वामी जनार्दन, परमानंद गिरि की मौजूदगी में दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने एवं संचालन विहिप केंद्रीय संत संपर्क प्रमुख अशोक तिवारी ने किया।

इस अवसर पर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी , जैन साध्वी दीप्ति, स्वामी विवेकानंद , विहिप केंद्रीय अध्यक्ष आलोक , केंद्रीय महामंत्री संगठन मिलिंद परांडे , विनायक राव देशपांडे , कोटेश्वर शर्मा जी, स्वामी चूड़ामणि चतुभुजाचार्य, डॉ भरत भूषण दास, जत्थेदार हरजोत सिंह आदि की मौजूदगी रही।

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