Janta Ki Awaz
उत्तर प्रदेश

आज विश्व प्रतीक्षा कर रहा है, भारत से हमें आगे का रास्ता मिले- आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत

आज विश्व प्रतीक्षा कर रहा है, भारत से हमें आगे का रास्ता मिले- आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत
X

पूरे देश में बड़ी धूम-धाम से आज गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है। इस अवसर पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने महाराष्ट्र के भिवंडी में ध्वजारोहण किया। इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि हमारे देश को बहुत आगे जाना है। आज विश्व प्रतीक्षा कर रहा है कि भारत से हमें आगे का रास्ता मिले। उन्होंने कहा कि ऐसा भारत बनाना हम सबका स्वाभाविक दायित्व है।


'धर्म का एक अंग पूजा भी होती है'

भागवत ने कहा कि धर्म का एक अंग पूजा भी होती है, खानपान और रीति रिवाज का नियम भी होता है। वही धर्म नहीं, वह तो आचरण है धर्म का, जो देशकाल स्थिति के अनुसार बदलता है और बदलना चाहिए, परंतु शाश्वत बात धर्म कहते हैं वह क्या है। उन्होंने कहा कि डॉ बाबासाहेब अंबेडकर ने संसद में संविधान हमको देते समय जो भाषण दिया था, उसके एक वाक्य में उन्होंने व्याख्या की कि बंधु भाव यही धर्म है।

विश्व का अध्यात्म पूजा में, खानपान में अटका हुआ है। भारत में सदा आध्यात्म इसके ऊपर रहा है और उसको प्रत्यक्ष जीवन में हमको जीके बताना है। जीवन के पुरुषार्थ में धर्म, कर्म,अर्थ, मोक्ष चारों पुरुषार्थ में ऐसे कैसे जिया जाता है अपने उदाहरण से बताना है, आने वाली पीढ़ी हमसे भी आगे निकल जाएगी और भारत को बड़ा बनाएगी यह उम्मीद भी इस पीढ़ी से है।

'राष्ट्रीय ध्वज के केंद्र में धम्म चक्र है'

मोहन भागवत ने कहा कि अपने कुटुंब को जो बड़ा करता है उसे लोग अच्छा मानते हैं, जो कुटुंब गांव की सेवा करता है वह अधिक प्रतिष्ठित होता है और जिस गांव से अच्छे-अच्छे लोग देश के लिए मिलते हैं उस गांव की प्रतिष्ठा होती है। उन्होंने कहा कि अपने राष्ट्रीय ध्वज के केंद्र में धम्म चक्र है, बंधु भाव समरसता का संदेश देता है, सब की समानता का संदेश देता है और सब की स्वतंत्रता का संदेश देता है।

Next Story
Share it