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उत्तर प्रदेश

ऐसा भव्य महाकुंभ पहले नहीं देखा... अब देखेंगे भी नहीं, कोई कर रहा था तारीफ तो क‍िसी ने खो द‍िया अपना

ऐसा भव्य महाकुंभ पहले नहीं देखा... अब देखेंगे भी नहीं, कोई कर रहा था तारीफ तो क‍िसी ने खो द‍िया अपना
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लखनऊ। प्रयागराज कई बार पहले भी आ चुके हैं लेकिन, तीर्थराज का ऐसा रूप पहली बार देखा है। हर तरफ लोग ही लोग नजर आ रहे थे लेकिन, कहीं गंदगी नहीं देखने को म‍िली। गंगा, यमुना का पानी इतना निर्मल कि जल में खड़े होने पर रेत नजर आती है। ऐसा महाकुंभ पहले नहीं देखा .. और अब शायद इस जीवन में देखेंगे भी नहीं ...!

बुधवार की रात प्रयागराज से इंटरसिटी एक्सप्रेस से लखनऊ रेलवे स्टेशन पर उतरे दमपुरा कासगंज जिले के लालता प्रसाद महाकुंभ के इंतजाम का बखान करते नहीं थक रहे थे। साथी भूप सिंह बोले क‍ि ट्रेन से उतरकर पैदल खूब चलना पड़ा, करीब 20 किलोमीटर चलकर पहुंचे लेकिन, नहाने के बाद थकावट कहां फुर्र हो गई, ये पता ही नहीं चला।

गंगा मैया के लगाए जयकारे

कासगंज जिले के ही हिम्मत नगर बझेरा दीपक तिवारी व राजीव यादव ने कहा क‍ि एक जगह इतने लोग पहली बार देखा और सब गंगा यमुना मैया का जयकारा लगाते हुए आगे की ओर बढ़ रहे थे। इसके अलावा श्यामवती व राजश्री ने कहा क‍ि घाट के किनारे कपड़े बदलने का प्रबंध बहुत बढ़िये से क‍ि‍या गया है।

भकियू के श्रद्धालुओं का हुजूम लगा रहा था जयकारा

महाकुंभ में कोई घटना हुई? इस सवाल पर सभी एक स्वर से बोले, सब बढ़िया रहा, कोई समस्या नहीं हुई। महेंद्र सिंह ने पिपिया का गंगाजल दिखाते हुए उलटकर सवाल किया और कहा क‍ि कुछ गड़बड़ होता तो यह जल यहां तक न पहुंच पाता। भारतीय किसान यूनियन के श्रद्धालुओं का हुजूम जयकारा लगाते हुए बढ़ रहा था।

चारबाग बस स्टेशन पर आगरा जिले के अकोला निवासी राममूर्ति बोले, उनके साथ 16 लोगों का जत्था महाकुंभ ही नहीं चारों धाम करके लौटा है। समझाया क‍ि आगरा से चलकर 26 जनवरी को प्रयागराज महाकुंभ पहुंचे। वहां संगम में डुबकी लगाई। इसके बाद 27 को काशी पहुंचे और बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर उन्‍हें गंगाजल चढ़ाया।

सभी द‍िखे स्नान पूजन से अभिभूत

इसके बाद वह वहां से अयोध्या पहुंचे और 28 को भगवान श्रीराम के दिव्य रूप का दर्शन किया। बुधवार सुबह हनुमान गढ़ी में दर्शन करके लखनऊ घूमने आए हैं। भूपेंद्र सिंह, धर्मवीर, ब्रजेश देवी और धर्मवती धर्म त्रिकोण प्रयागराज, काशी और अयोध्या की महिमा बताते थक नहीं रही थी। सब स्नान पूजन से अभिभूत दिखे।

इंद‍िरा नगर की मंजू की मौत

वहीं प्रयागराज में मौनी अमावस्या पर स्नान के लिए गईं इंदिरा नगर सेक्टर-नौ के आठ-बी, पटेल नगर निवासी मंजू पांडेय (65) भी भगदड़ का शिकार हो गईं। पति टीएन पांडेय के साथ गईं मंजू की मौत की सूचना प्रयागराज पुलिस ने सुबह करीब 11 बजे घर वालों को दी। खबर मिलते ही घर में कोहराम मच गया।

प्रयागराज जाने को म‍िल गया था तत्‍काल ट‍िकट

बेटे मनीष पांडेय, बेटी अंजू व बहू मोनिका पांडेय बदहवास हो गईं। इस घटना में पति और पत्नी एक दूसरे से बिछड़ गए। पति को इलाज के बाद घर लाया जा रहा है। सोमवार को प्रयागराज जाने के लिए टिकट नहीं मिल रहा था, लेकिन दो टिकट तत्काल में मिल गया तो मंजू खुशी से उछल पड़ीं और पति के साथ निकल पड़ीं।

पड़ोसी की भर आईं आंखें

पड़ोसी राधा त्रिपाठी ने बताया कि हम दोनों अक्सर साथ बैठते थे। जाने के लिए बोल रही थीं, लेकिन हमने मना कर दिया। मंजू कह रही थीं टिकट मिलेगा तो ही जाऊंगी, तब तक तत्काल से दो टिकट मिल गया तो बोली मैं तो चली तुम बाद में जाना अब। निधन की खबर सुनकर राधा की भी आंखें भर आईं।

घर पहुंचा शव तो मच गया कोहराम

आपकाे बता दें क‍ि मंजू का शव बुधवार रात साढ़े दस बजे इंदिरानगर आवास पर पहुंचा। मंजू पति के साथ सोमवार को सुबह ट्रेन से प्रयागराज गईं थीं और उसी दिन दोपहर में स्नान किया। वह पति के साथ मौनी अमावस्या पर दोबारा स्नान के लिए गईं थीं, लेकिन भगदड़ में फंस गईं। इसमे मंजू की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पति टीएन पांडेय बेहोश हो गए थे।

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