सीतापुर: दुष्कर्म के आरोपी सांसद का लिया जाएगा वाइस सैंपल, वायरल हुआ था पीड़िता-सांसद की बातचीत का ऑडियो
दुष्कर्म के आरोपी कांग्रेस सांसद राकेश राठौर का वाइस सैंपल लिया जाएगा। कोतवाल व विवेचक अनूप शुक्ला ने सैंपल लेेने के लिए सीजेएम कोर्ट में अर्जी दी थी, जिसे मंजूर कर लिया गया है। कोर्ट के माध्यम से जेल में बंद सांसद के पास वाइस सैंपल की अर्जी रिसीव भी हो गई है। अब सांसद को तीन जनवरी तक कोर्ट को अपनी सहमति या असहमति के बारे में अवगत कराना है, जिससे भविष्य में पीड़िता और सांसद दोनों के ही पक्ष स्पष्ट हो जाएं। सांसद राकेश राठौर की पीड़िता से हुई बातचीत की वायरल रिकाॅर्डिंग काे भी विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजे जाने की कवायद शुरू कर दी गई है।
सीतापुर शहर की रहने वाली एक महिला ने 17 जनवरी को कांग्रेस सांसद राकेश राठौर पर दुष्कर्म का केस दर्ज कराया था। इसके बाद एक ऑडियो वायरल हुआ था। दावा किया जा रहा था कि छह मिनट के इस ऑडियो में सांसद और पीड़िता के बीच बातचीत हो रही है। ऑडियो में पीड़िता ने कई बातों को सांसद के साथ साझा किया था। ऑडियो को पुलिस ने अपने साक्ष्य में शामिल किया है। यह ऑडियो रिकॉर्डिंग पीड़िता ने एक पेन ड्राइव में पुलिस को उपलब्ध कराई है।
अमूमन इलेक्ट्राॅनिक साक्ष्यों में छेड़छाड़ की आशंका होती है। इसलिए पुलिस विधिक प्रकिया को अपनाते हुए ऑडियो की पुष्टि कर रही है। यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि रिकाॅर्डिंग में कोई छेड़छाड़ तो नहीं की गई है। इसके साथ ही आरोपी सांसद का वाइस सैंपल भी लिया जाएगा। वायरल हुई रिकॉर्डिंग व वाइस सैंपल का मिलान कराया जाएगा।
कारागार में निरुद्ध सांसद तक इस अर्जी की एक प्रति भी पहुंचा दी गई है। शहर कोतवाल व विवेचक अनूप शुक्ला ने बताया कि सीजेएम न्यायालय में वाइस सैंपल के लिए पत्र भेजा गया है। अनुमति भी मिल गई है। आरोपी सांसद से भी उनकी इच्छा पूछी जाएगी कि वह वाइस सैंपल देना चाहते हैं कि नहीं। अगर वह मना करते हैं, तो यह मान मिला जाएगा कि आवाज उनकी ही है। इसकी रिपोर्ट विवेचना में दाखिल की जाएगी। कोर्ट ने तीन जनवरी तक सांसद को इस पर अपना पक्ष बताने को कहा है।
सोमवार को होगी सुनवाई
चार फरवरी को सांसद की जमानत याचिका पर सुनवाई होनी है। इसमें दोनों पक्षों को सुना जाना है, जिस तरह से विवेचना चल रही है ऐसे में कानून के जानकारों का मानना है कि कोर्ट में पीड़िता की ओर से मौका मांगा जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो सांसद को जेल में अधिक समय बिताना पड़ सकता है।