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उत्तर प्रदेश

सुगम्य भारत अभियान... दिव्यांगजनों के रास्ते सुलभ बनाने से उन्हें सक्षम बनाने तक की मुहिम

सुगम्य भारत अभियान... दिव्यांगजनों के रास्ते सुलभ बनाने से उन्हें सक्षम बनाने तक की मुहिम
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सुगम्य भारत अभियान भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य देश को दिव्यांगों के लिए सुलभ बनाना है. PM मोदी ने 3 दिसंबर 2015 को इस अभियान की शुरुआत की थी.

लखनऊ।

भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के निर्देश पर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में "सुगम्य प्रदेश - उत्तर प्रदेश" के उद्घोष के साथ दिव्यांगजनों की सुगम्यता बढ़ाने के लिए "सुगम्य यात्रा 2025" जन जागरूकता पदयात्रा का आयोजन किया गया। यह आयोजन दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग, उत्तर प्रदेश एवं अन्य हितधारकों के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न हुआ।

इस यात्रा का नेतृत्व प्रमुख सचिव, दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग, उत्तर प्रदेश, सुभाष चंद्र शर्मा ने किया, जबकि कार्यक्रम की मॉनिटरिंग प्रोफेसर हिमांशु शेखर झा, राज्य आयुक्त दिव्यांगजन, उत्तर प्रदेश द्वारा की गई। यात्रा प्रातः 10:30 बजे लोहिया पार्क, गेट नंबर-2 से प्रारंभ होकर अपराह्न 12:00 बजे शिरोज़ रेस्टोरेंट, निकट अंबेडकर पार्क, गोमती नगर, लखनऊ में संपन्न हुई।

कार्यक्रम में दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग, शासन-प्रशासन के अधिकारी, गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि, बचपन डे सेंटर व विशेष विद्यालयों के विद्यार्थी, प्रधानाचार्य, शिक्षक, सामाजिक कार्यकर्ता और लखनऊ के गणमान्य नागरिकों सहित लगभग 250 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस यात्रा का उद्देश्य उत्तर प्रदेश के हर जिले में कम से कम 40 प्रमुख सरकारी भवनों के अभिगम्यता ऑडिट (सोशल ऑडिट) के माध्यम से उन्हें पूर्ण रूप से सुलभ बनाना है।

इस अभियान के तहत कर्नाटक की एपीडी टीम द्वारा विकसित यस-2 एक्सेस ऐप के माध्यम से राजधानी लखनऊ में डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, विकास भवन, लखनऊ मेट्रो जैसे महत्वपूर्ण स्थलों का सोशल ऑडिट किया गया।

"सुगम्य भारत अभियान" दिव्यांगजनों के लिए सार्वभौमिक पहुंच को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा संचालित एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। इस पहल के तहत उत्तर प्रदेश सरकार राज्यभर में दिव्यांगजनों की सुगमता बढ़ाने के लिए प्रभावी कदम उठा रही है।

सुगम्य भारत अभियान के मुख्य उद्देश्य

1. सार्वजनिक स्थलों जैसे कि स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन आदि को दिव्यांगों के लिए सुलभ बनाना.

2. सार्वजनिक परिवहन जैसे कि बस, रेल, मेट्रो आदि को दिव्यांगों के लिए सुलभ बनाना.

3. सूचना और संचार प्रौद्योगिकी जैसे कि वेबसाइट, मोबाइल ऐप आदि को दिव्यांगों के लिए सुलभ बनाना.

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