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उत्तर प्रदेश

साध्वी सुमन पाठक ने प्रेसवार्ता कर विपक्षियों पर लगाया गंभीर आरोप

साध्वी सुमन पाठक ने प्रेसवार्ता कर विपक्षियों पर लगाया गंभीर आरोप
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अयोध्या। भाेसले रियासत नागपुर के महाराजा एवं रामटेक ट्रस्ट अध्यक्ष श्रीमंत राजे रघुजी राव भाेसले ने रविवार को प्राचीन सरयू मंदिर रामपैड़ी में मीडिया से मुखातिब होते हुए बताया कि वह महाराजा ऑफ नागपुर हैं। देश में मध्य प्रदेश, उड़ीसा, महाराष्ट्र, काशी, अयोध्या, प्रयागराज समेत अन्य स्थानों पर उनके लगभग 28 मंदिर हैं। जिनमें अयोध्या का श्रीराम मंदिर देवस्थान मुख्य है। जाे यहां के स्वर्गद्वार माेहल्ले में स्थित है, जिसका मुख्तार उन्हाेंने साध्वी सुमन पाठक काे बनाया है। इनका परिवार पांच पीढ़ियाें से इस मंदिर में पूजा-पाठ करते हुए चला आ रहा है। साध्वी सुमन इस मंदिर में बराबर पूजा-पाठ कर रही हैं। लेकिन कुछ विपक्षीगणाें के द्वारा पूजा-पाठ में अवराेध उत्पन्न किया जा रहा है। वह मंदिर में पूजा करने से राेक रहे हैं। जाे न्याय संगत नही है। इस पर यहां के प्रशासन को ध्यान देना चाहिए। हमारी मांग है कि दाेषियाें के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हाेनी चाहिए। मंदिर में भगवान का पूजा-पाठ, भाेग, आरती सुचार रूप से चलता रहे। प्राचीन सरयू मंदिर की महंत साध्वी सुमन पाठक ने बताया कि इस संबंध में वह कई बार जिले के आलाधिकारियों से मिल चुकी हैं। उन्हें कई बार लिखित रूप से अवगत भी कराया। लेकिन काेई सुनवाई नही हुई। यहां तक कि मुख्यमंत्री पाेर्टल पर भी शिकायत किया गया। फिर भी स्थिति जस की तस बनी रही। अब शीघ्र ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलेंगी। उन्हें इस मामले से अवगत कराएंगी। ट्रस्ट के अधिवक्ता प्रदीप देशमुख ने बताया कि नागपुर का भाेसला देवस्थान नाम का ट्रस्ट है। जाे रामटेक ट्रस्ट के नाम से चल रहा है, जिसका सारा विधिक कार्य वह पूरे देश में देख रहे हैं। इस ट्रस्ट के अंतर्गत देश में लगभग उसके 28 मंदिर हैं। जिनमें स्वर्ग द्वार स्थित श्रीराम मंदिर देवस्थान है। जाे लगभग दाे बिस्वा में है। जहां श्रीराम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, लक्ष्मी नारायण के विग्रह विराजमान हैं। वहां पर विपक्षीगण भगवान के पूजा-पाठ में अवराेध उत्पन्न कर रहे हैं। यहां तक कि वह आमादा फाैजदारी पर भी उतारू हैं। जाे न्याय संगत नही है। ट्रस्ट की संपत्ति देवस्थान की संपत्ति है। जाे बेंची नही जा सकती है। ट्रस्ट के अध्यक्ष राजा साहेब के पक्ष में नागपुर काेर्ट निर्णय भी है कि देवस्थान की संपत्ति काेई बेंच नही सकता है। जरूरत पड़ी ताे हम न्यायालय की भी शरण लेंगे। लेकिन पूजा-पाठ में अवराेध उत्पन्न करने वालाें काे छाेड़ेंगे नहीं। उन्हे कड़ी से कड़ी सजा दिलायेंगे।

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