ये एकता का महाकुंभ है… बागेशवर धाम में बोले पीएम नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के बागेश्वर धाम में रविवार को अपने संबोधन के दौरान कहा कि आनेवाले सदियों तक ये महाकुंभ एकता का महाकुंभ होगा. महाकुंभ अब पूर्णता की ओर है. अबतक करोड़ों लोग ने डुबकी लगाई है और संतों के दर्शन किए. आनेवााले सदियों तक ये महाकुंभ एकता का महाकुंभ होगा. लोग सेवा भाव से लगे हुए हैं. आज सभी स्वच्छता के साथियों को आदरपूर्वक नमन करता हूं.
उन्होंने कहा कि एकता के इस महाकुंभ से आए हुए हर यात्री यह कह रहा है कि इस बार एकता के महाकुंभ में पुलिसकर्मियों ने जो काम किया है- एक साधक की तरह, एक सेवावृति की तरह, पूरी नम्रता के साथ. इस एकता के महाकुंभ में जिन पुलिसकर्मियों ने देश का दिल जीत लिया है, वो भी बधाई के पात्र हैं. नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस बार तो बालाजी का बुलावा आया है. ये हनुमानजी की कृपा है कि आस्था का ये केंद्र अब आरोग्य का केंद्र भी बनने जा रहा है.
कैंसर चिकित्सा केंद्र का पीएम ने किया शिलान्यास
उन्होंने कहा कि अभी मैंने यहां बागेश्वर धाम कैंसर चिकित्सा एवं विज्ञान अनुसंधान संस्थान का भूमिपूजन किया है. ये संस्थान 10 एकड़ में बनेगा, पहले चरण में ही इसमें 100 बेड की सुविधा होगी.
पीएम मोदी ने कहा कि इस एकता के महाकुंभ में हजारों डॉक्टर्स, हजारों स्वयंसेवक स्वतः स्फूर्त भाव से, समर्पित और सेवाभाव से इसमें लगे हुए हैं. जो लोग एकता के इस महाकुंभ में जा रहे हैं वो इन प्रयासों की सराहना कर रहे हैं. ऐसे ही भारत में कितने ही बड़े-बड़े अस्पताल भी हमारे धार्मिक संस्थाओं द्वारा चलाए जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि हमारे मंदिर, हमारे मठ, हमारे धाम… ये एक ओर पूजन और साधन के केंद्र रहे हैं, तो दूसरी ओर विज्ञान और सामाजिक चेतना के भी केंद्र रहे हैं. हमारे ऋषियों ने ही हमें आयुर्वेद का विज्ञान दिया. हमारे ऋषियों ने ही हमें योग का वो विज्ञान दिया, जिसका परचम आज पूरी दुनिया में लहरा रहा है.
समाज को बांटना और उसको तोड़ना इनका एजेंडा, विपक्ष पर हमला
पीएम मोदी ने कहा कि आज कल हम देखते हैं कि नेताओं का एक वर्ग ऐसा है जो धर्म का मखौल उड़ाता है, उपहास उड़ाता है, लोगों को तोड़ने में जुटा है और बहुत बार विदेशी ताकतें भी इन लोगों का साथ देकर देश और धर्म को कमजोर करने की कोशिश करती दिखती है.
उन्होंने कहा कि हिंदू आस्था से नफरत करने वाले ये लोग, सदियों से किसी न किसी वेष में रहते रहे हैं. गुलामी की मानसिकता से घिरे हुए ये लोग हमारे मत, मान्यताओं और मंदिरों पर, हमारे संत, संस्कृति और सिद्धांतों पर हमला करते रहते हैं.
उन्होंने कहा कि ये लोग हमारे पर्व, परंपराओं और प्रथाओं को गाली देते हैं. जो धर्म, जो संस्कृति स्वभाव से ही प्रगतिशील है, उस पर ये कीचड़ उछालने की हिम्मत दिखाते हैं. हमारे समाज को बांटना और उसको तोड़ना ही इनका एजेंडा है.