'गोधरा' शब्द सबको याद रहता है लेकिन 'साबरमती एक्सप्रेस' की चर्चा कम होती है. राजा भैया ने इस घटना को 'निर्मम और क्रूर नरसंहार' बताया
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इतिहास में 27 फरवरी का दिन एक दुखद घटना के रूप में दर्ज है. दरअसल 27 फरवरी, 2002 को गुजरात के गोधरा स्टेशन से रवाना हुई साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन में उन्मादी भीड़ ने आग लगा दी थी और इस भीषण अग्निकांड में 59 लोगों की मौत हो गई थी. अहमदाबाद को जाने वाली साबरमती एक्सप्रेस गोधरा स्टेशन से चली ही थी कि किसी ने चेन खींचकर ट्रेन रोक दी और फिर पथराव के बाद ट्रेन के एक डिब्बे को आग के हवाले कर दिया गया. ट्रेन में सवार लोग हिंदू तीर्थयात्री थे और अयोध्या से लौट रहे थे. घटना के बाद गुजरात में सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई और जान-माल का भारी नुकसान हुआ.
साल 2002 की 27 फरवरी को गुजरात में जो हुआ उसको लेकर अब जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के मुखिया और कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. राजा भैया ने अपने X (पूर्व में ट्विटर) पोस्ट में कहा कि 'गोधरा' शब्द सबको याद रहता है लेकिन 'साबरमती एक्सप्रेस' की चर्चा कम होती है. राजा भैया ने इस घटना को 'निर्मम और क्रूर नरसंहार' बताते हुए इसे बहुसंख्यक समाज के खिलाफ अल्पसंख्यकों द्वारा की गई अभूतपूर्व हिंसा के रूप में प्रस्तुत किया है. उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि इस विभत्स हमले में मरने वालों की जाति पूछी गई थी या नहीं?
राजा भैया ने 27 फरवरी को X पोस्ट में कहा, "‘गोधरा’ शब्द सभी को याद होगा लेकिन ‘साबरमती एक्सप्रेस’ की चर्चा कम ही होती है, आज वही दुखद दिन है जिस दिन सन 2002 में साबरमती एक्सप्रेस में राम भक्तों को ज़िंदा जला दिया गया था, उनका अपराध ये था कि वे अयोध्या से अपने आराध्य श्री राम लला सरकार के दर्शन करके लौट रहे थे. नारी, पुरुष, बच्चे बच्चियां किसी को नहीं छोड़ा गया. पेट्रोल डालकर उन्हें जीवित जला दिया गया, विश्व के इतिहास में किसी भी राष्ट्र में अल्पसंख्यकों द्वारा बहुसंख्यक समाज का इस प्रकार निर्मम, क्रूर नरसंहार का कोई दूसरा उदाहरण हो तो बताइयेगा अवश्य, और हां कृपया विचार करें कि उन्हें ज़िंदा जलाने के पहले क्या उनसे पूछा गया था कि वे अगड़ा, पिछड़ा या दलित हैं?
‘गोधरा’ शब्द सभी को याद होगा लेकिन ‘साबरमती एक्सप्रेस’ की चर्चा कम ही होती है, आज वही दुखद दिन है जिस दिन सन 2002 में साबरमती एक्सप्रेस में राम भक्तों को ज़िंदा जला दिया गया था, उनका अपराध ये था कि वे अयोध्या से अपने आराध्य श्री राम लला सरकार के दर्शन करके लौट रहे थे। नारी,…
— Raja Bhaiya (@Raghuraj_Bhadri) February 27, 2025