Janta Ki Awaz
उत्तर प्रदेश

रालोद ने सपा पर लगाया हिंदी विरोध का आरोप, राहुल-अखिलेश से मांगा जवाब, विधान परिषद स्थगित

रालोद ने सपा पर लगाया हिंदी विरोध का आरोप, राहुल-अखिलेश से मांगा जवाब, विधान परिषद स्थगित
X

यूपी विधानसभा सत्र के दौरान शुक्रवार को राष्ट्रीय लोकदल के विधायकों ने सपा व कांग्रेस पर हिंदी भाषा का विरोध करने का आरोप लगाया और उन्होंने कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी को इस पर जवाब देना चाहिए। वहीं, विधान परिषद की कार्यवाही को तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।


यूपी सरकार के मंत्री अनिल कुमार ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि राष्ट्रीय लोकदल ने तमिलनाडु (डीएमके) के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने को लेकर हिंदी विरोध के खिलाफ आवाज उठाई! लेकिन क्यों चुप है इंडी गठबंधन के बड़े साथी राहुल गांधी जी और अखिलेश यादव जी,अपनी स्थिति स्पष्ट करे। उत्तर प्रदेश की 24 करोड़ हिंदी भाषी जनता से अपील: अपनी भाषा, संस्कृति और सम्मान के लिए हमारे साथ आएं।


तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन गुरुवार को एक्स पर कहा कि क्या आपने कभी सोचा है कि हिंदी ने कितनी भारतीय भाषाओं को निगल लिया है? भोजपुरी, मैथिली, अवधी, ब्रज, बुंदेली, गढ़वाली, कुमाऊंनी, मगही, मारवाड़ी, मालवी, छत्तीसगढ़ी, संथाली, अंगिका, खरिया, खोरठा, कुरमाली, कुरुख, मुंडारी और कई अन्य भाषाएं अब अस्तित्व के लिए हांफ रही हैं। एक अखंड हिंदी पहचान के लिए जोर देने से प्राचीन मातृभाषाएं खत्म हो रही हैं। यूपी और बिहार कभी भी हिंदी गढ़ नहीं थे। उनकी असली भाषाएं अब अतीत की निशानी बन गई हैं। तमिलनाडु इसका विरोध करता है क्योंकि हम जानते हैं कि यह कहां खत्म होगा?

शिक्षामंत्री और तमिलनाडु की सीएम के बीच विवाद जारी

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को लेकर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन के बीच बीते कई दिनों से जुबानी जंग जारी है। बीते दिनों राष्ट्रीय शिक्षा नीति को तमिलनाडु में लागू करने से स्टालिन के इनकार पर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नाराजगी जाहिर की थी। वहीं स्टालिन, केंद्र सरकार पर जबरन राज्य में इसे लागू करने का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने राज्य पर हिंदी थोपने का आरोप लगाया। इस आरोप का केंद्र सरकार ने खंडन किया है।

कई मुद्दों पर मंत्री गुलाब देवी को घेरा

इसके पहले तदर्थ शिक्षकों को वेतन न देने, उनके नियमितीकरण के मुद्दे पर अपने ही सदस्यों ने मंत्री गुलाब देवी को घेरा। वहीं माध्यमिक के वित्त विहीन विद्यालयों की मान्यता नियमावली में संशोधन की मांग निर्दल समूह के विधायकों ने उठाई। मंत्री ने बताया कि पहले से चल रहे विद्यालयों को छूट देने पर शासन स्तर पर विचार चल रहा है।

Next Story
Share it