रवीन्द्रालय चारबाग में लखनऊ पुस्तक मेला प्रारम्भ
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माध्यम बदल जाये पर किताबों का महत्व कम नहीं होगा : सुशील कुमार
ईशा-मीशा के कथक ने सजायी सांझ
लखनऊ, 1 मार्च। रवीन्द्रालय चारबाग लान में आज से नौ मार्च तक चलने वाला लखनऊ पुस्तक मेला प्रारम्भ हो गया। मेले का उदघाटन यूपी मेट्रो रेल कार्पोरेशन के प्रबंध निदेशक सुशीलकुमार ने किया। बाल साहित्य थीम पर आधारित मेले में साहित्यिक सांस्कृतिक गतिविधियों का सिलसिला भी प्रारम्भ हो गया। सांस्कृतिक गतिविधियों में आज रतन सिस्टर्स ईशा-मीशा की कथक संरचना मेरे रघुवर का प्रदर्शन विशिष्ट रहा।
उदघाटन करते हुए मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने कहा कि किताबों का महत्व कभी कम नहीं हो सकता, माध्यम जरूर बदल सकता है। आज जरूरत है किताबों को डिजिटल में लाने की। कुछ प्रकाशकों ने यह काम शुरू भी कर दिया है। उन्होंने 60 से पार लोगों के लिए किताबें और मीडिया सामग्री तैयार करने का आह्वान करते हुए कहा कि मेट्रो के दरवाजे केवल पुस्तक मेलों ही नहीं, हर प्रतिभा, हर कलाकार के लिये प्रदर्शनात्मक आयोजनों और फोटो शूट, डाक्यूमेंट्री फिल्म आदि के लिये खुले हैं। अतिथि राजेन्द्र अग्रवाल ने बच्चों से मोबाइल लेकर उन्हें किताबें पकड़ाने की गुजारिश की। खेल संगठनों से जुड़े टीपी हवेलिया ने बाबा फतेह सिंह जैसे शहीद वीर बालकों का जिक्र किया। इससे पहले ज्योति किरन रतन के संचालन में चले समारोह में संयोजक मनोज सिंह चंदेल ने 2003 से राष्ट्रीय और 2014 से लखनऊ पुस्तक मेले की शुरुआत का जिक्र करते हुए बताया कि अप्रैल में लखनऊ मेट्रो रेल के बच्चों के लिये विशेषई भी आयोजन करेंगे। आभार मेला निदेशक आकर्ष चंदेल ने व्यक्त किया।
रतन सिस्टर्स ने पेश किया मेरे रघुवर
कलाआंगन और ज्वाइन हैण्ड्स फाउण्डेशन के संयोजन में हुए नृत्य संगीत समारोह में रतन सिस्टर्स ईशा-मीशा नृत्य संरचना ‘मेरे रघुवर’ का प्रदर्शन किया। गुरु अर्जुन मिश्र और सुरभि सिंह की इन दोनों शिष्याओं ने शुरुआत राम स्तुति- नमामि भक्त वत्सलं.... से की। ईशा-मीशा की शिष्या रिद्धिमा ने भजन- श्रीरामचन्द्र कृपालु भजमन.... पर भावों को दर्शाया। इसके बाद ईशा-मीशा ने लव कुश के रूप में राम कथा को कथक गतियों में अभिव्यक्त किया। तीन को अपराजिता संस्था के कलाकार नृत्य व संगीत कार्यक्रम पेश करेंगे। चार मार्च को शाम नाट्यशाला फाउण्डेशन व ओमश्री गणपति सामाजिक संस्था के कलाकार राजकुमार अनिल का लिखा हास्य नाटक ‘सब गोलमाल है’ मंच पर खेलेंगे। पांच मार्च लोक संस्कृति शोध संस्थान की ओर से फाग की लोक चौपाल जमेगी।
दिन भर रही कविताओं की गूंज
मेले के सांस्कृतिक मंच पर आज कार्यक्रमों की शुरुआत अगीत परिषद और नवसृजन संस्था के संयोजन में सम्मान व काव्य समारोह का आयोजन हुआ। रूपा पाण्डेय शतरूपा की वाणी वंदना से प्रारम्भ समारोह में महेशचन्द्र द्विवेदी, प्रो. ऊषा सिन्हा, सुल्तान शाकिर, ओम नीरव व उमेशचन्द्र आदि ने भाग लिया। शाम को संकल्प फाउण्डेशन के कलाकारों से शशि सिंह के संयोजन में संगीत की महफिल सजायी। पृथ्वी इनोवेशन की ओर से पर्यावरण विषयक रोचक प्रतियोगिताओं का दौर चला।
मेले में देश भर के प्रकाशक
मेले में भारतीय कला प्रकाशन दिल्ली, दिव्यांश पब्लिकेशंस लखनऊ, पद्म बुक कंपनी दिल्ली, रितेश बुक एजेंसी नई दिल्ली, बीइंग बुकिश लखनऊ, याशिका एंटरप्राइज दिल्ली, एंजेल बुक हाउस रायपुर, यूनिवर्सल बुक स्टोर दिल्ली, नवपल्लव बुक, बहुजन साहित्य केंद्र, त्रिदेव बुक्स कलेक्शंस नई दिल्ली, देव बुक कलेक्शन, दिल्ली, एजुकेशनल एंड साइंटिफिक एड्स, सस्ता साहित्य मंडल प्रकाशन नई दिल्ली, शुभी पब्लिकेशंस गुरुग्राम, हिन्द युग्म गौतमबुद्ध नगर, जैको पब्लिशिंग हाउस नई दिल्ली, चिल्ड्रेन बुक ट्रस्ट नई दिल्ली, प्रकाशन विभाग सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, निखिल पब्लिशर्स एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स आगरा, रामकृष्ण मठ, योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ़ इंडिया रांची, श्रीकबीर ज्ञान प्रकाशन केंद्र गिरिडीह, विलायत पब्लिकेशंस दिल्ली, आदित्रि बुक सेंटर दिल्ली, एक्यूप्रेशर हेल्थ केयर सिस्टम्स, एच जूट बैग कोलकता, कन्नौज हेरिटेज, एस्केलरा टेक्नोलॉजी के स्टाल होंगे।
मेले में 2 मार्च को
पूर्वाह्न 11ः00 बजे आभूषण काव्यात्मक अभिव्यक्ति पटल की काव्य गोष्ठी
दोपहर 12ः30 बजे बच्चों और युवाओं के कार्यक्रम
अपराह्न 3ः30 बजे पुस्तक लोकार्पण निखिल प्रकाशन
शाम 5ः00 बजे पुस्तक लोकार्पण कोई नया नाम दो महेन्द्र भीष्म