रमणरेती में उड़ा गुलाल, ठाकुर जी संग भक्तों ने खेली फूलों की होली; रसिया गीतों पर झूमे श्रद्धालु

महावन (तुलसीराम)।उदासीन कार्ष्णि रमणरेती आश्रम में गोपाल जयंती महोत्सव में सोमवार को होली खेली गई। इसमें पीठाधीश्वर कार्ष्णि गुरुशरणानंद महाराज ने राधाकृष्ण स्वरुपों की आरती उतारकर होली का शुभारंभ किया।
इससे पूर्व विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। 'आयौ री बिहारी जमुना तट पै, मत जइयौ अकेली पनया घट पै', 'बांके बिहारी की बांकी मरोड़ चित लीनौ है चोर, राधे अलबेली सरकार भजैं जा राधे राधे', 'होरी खेलन आयो श्याम आज जाए रंग में घोरो री', 'मेरौ खोयगो बाजू बंध रसिया होरी में' आदि रसिया गायन पर श्रृद्धालुओं ने नृत्य करते आंनद लिया।
राधाकृष्ण स्वरुपों ने ग्वाल वालों से लठामार होली खेली पीठाधीश्वर कार्ष्णि गुरु शरणानंद महाराज द्वारा राधाकृष्ण स्वरुपों को गुलाल लगा कर होली खेली गई। लड्डूओं से होली खेली गयी भक्तों को लडडू लुटाएं गए। ग्यारह हजार लीटर पानी में टेसू के रंग घोलकर रंग बनाया गया। भक्तों पर इसकी बौछार की गई।
भक्त भी ठाकुरजी के रंग की एक-एक बूंद अपने ऊपर पाने के लिए लालायित दिखे। ठाकुरजी के साथ पीठाधीश्वर कार्ष्णि गुरुशरणानंद महाराज फूलों की होली खेली।
रमणरेती आश्रम के गुरुशरणानन्द महाराज ने कहा कि रमणरेती में प्राकृतिक वनस्पतियों के रंगों से प्रेम की होली खेली गई है यहां सभी प्रकार की ब्रज सांस्कृतिक होली की खेली गई है। होली के दौरान कोई भी अशिष्टता नहीं हुई है यहां की होली में अनुराग है श्रद्धालुओं ने होली का खूब आनंद लिया है।