महाकुंभ में लापरहवाही बरतने वाले अधिकारियों पर अब शुरू हुआ एक्शन

महाकुंभ के दौरान लाखों श्रद्धालु प्रतिदिन संगम नगरी पहुंचे थे, सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 45 दिन में लगभग 66 करोड़ लोगों ने प्रयागराज पहुंचकर आस्था की डुबकी लगाई थी. प्रयागराज महाकुंभ में कई जगहों पर अव्यवस्थाओं की शिकायतें भी सामने आईं थीं. अब जब आयोजन समाप्त हो चुका है, तो सरकार ने उन अधिकारियों पर कार्रवाई शुरू कर दी है, जिन्होंने अपने दायित्वों का सही ढंग से निर्वहन नहीं किया.
महाकुंभ में स्वच्छता निगरानी में लापरवाही बरतना डॉक्टर को महंगा पड़ा. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने लापरवाह डॉक्टर को निलंबित कर दिया है. निलंबन के दौरान डाॅक्टर को अयोध्या मंडलीय अपर निदेशक कार्यालय से संबद्ध किया गया है. साथ ही चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव को विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. वहीं, लखीमपुर खीरी के फिजीशियन द्वारा जिला चिकित्सालय प्रशासन के विरुद्ध लगाए गए आरोपों के बाबत प्रमुख सचिव को जांच के आदेश दिए हैं.
डिप्टी सीएम की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार महाकुंभ 2025 के आयोजन के दौरान मेला क्षेत्र में संक्रामक रोगों से निपटने के पर्याप्त प्रबंध किए गए थे. इसके लिए प्रदेशभर से स्वास्थ्य सेवाएं जुटाई गई थीं. विभिन्न जनपदों के चिकित्साधिकारियों, पैरामेडिकल एवं अन्य स्टाफ की तैनाती प्रयागराज में की गई थी. अमेठी के डॉ. सुनील यादव की तैनाती मेला क्षेत्र सेक्टर-6 में की गई थी, लेकिन डॉ. यादव ने मौनी अमावस्या के अमृत स्नान 29 जनवरी के बाद मेला क्षेत्र के सेक्टर-6 में स्थापित शौचालयों की साफ-सफाई इत्यादि की व्यवस्था का सही तरीके से पर्यवेक्षण नहीं किया. इससे संक्रामक रोगों के फैलने की आशंका थी जबकि सम्पूर्ण मेला क्षेत्र को खुले में शौच मुक्त रखने के लिए पर्याप्त शौचालयों की स्थापना की गई थी. इस संबंध में उच्च स्तर पर बैठक के माध्यम से निर्देश दिए गए थे. डॉ. सुनील यादव ने लापरवाही करते हुए समुचित मात्रा में शौचालयों की स्थापना के लिए साइटिंग उपलब्ध नहीं कराई थी.
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने घटना को गंभीरता से लिया. काम में लापरवाही बरतने पर डॉ. सुनील यादव को निलंबित कर दिया है. साथ ही अयोध्या के मंडलीय अपर निदेशक कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है. इस संबंध में प्रमुख सचिव, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण को डॉ. सुनील यादव के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के भी निर्देश दिए गए हें.
रिश्वतखोरी के आरोपों की जांच के आदेश
लखीमपुर खीरी के जिला अस्पताल में तैनात फिजीशियन डॉ. सौरभ शुक्ला ने अस्पताल प्रशासन पर रिश्चतखोरी के गंभीर आरोप लगाए हैं. डॉ. सौरभ शुक्ला ने अस्पताल के सीएमएस पर गंभीर भृष्टाचार के आरोप लगाए है. आरोप लगाया कि जिला अस्पताल में ओटी से लेकर इमरजेंसी में बिना लेनदेन के कोई भी काम नहीं होता. ऑपरेशन में गरीब मरीजों से पैसा लिया जाता है. इस संबंध में सोशल मीडिया में वीडियो भी वायरल हुआ है. इसका संज्ञान डिप्टी सीएम ने लिया है. उन्होंने चिकित्सालय प्रशासन के विरुद्ध लगाए गए आरोपों को गंभीरता से लिया है. साथ ही स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव को जांच के आदेश दिए हैं. तीन दिन में जांच पूरी करनी होगी.