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अमेरिका के जवाबी शुल्क से निपटने की तैयारी में भारत, अलग-अलग उपायों पर हो रहा विचार

अमेरिका के जवाबी शुल्क से निपटने की तैयारी में भारत, अलग-अलग उपायों पर हो रहा विचार
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जवाबी शुल्क (Tarrif) की चेतावनी से ग्लोबल ट्रेड वॉर की आशंका बढ़ गई है। इसके साथ ही, भारत अब अमेरिका के साथ ट्रेड एग्रीमेंट की व्यापक रूपरेखा को ध्यान में रखते हुए इस चुनौती का सौहार्दपूर्ण तरीके से समाधान खोजने पर विचार कर रहा है। मामले से जुड़े लोगों ने अमेरिका में 13 फरवरी की बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ट्रंप की प्रतिबद्धता का जिक्र करते हुए कहा कि भारत समाधान खोजने के प्रति आश्वस्त है। मीटिंग में, दोनों पक्ष इस साल के अंत तक एक विशाल व्यापार समझौते पर बातचीत करने और व्यापार घाटे को कम करने के साथ 2030 तक सालाना व्यापार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करने पर सहमत हुए। दोनों पक्षों ने समग्र व्यापार को बढ़ावा देने के लिए दृढ़ प्रतिबद्धता जताई है और भारत को उम्मीद है कि शुल्क के मुद्दे पर पारस्परिक रूप से लाभप्रद परिणाम सामने आएगा। मामले से जुड़े लोगों का कहना है कि भारत, ट्रंप प्रशासन के साथ व्यापार परिदृश्य को आगे बढ़ाने पर विचार कर रहा है।


ट्रंप ने भारत को बताया ‘टैरिफ लगाने के मामले में राजा’

वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल प्रस्तावित समझौते पर अमेरिका के वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेमिसन ग्रीर के साथ बातचीत के लिए इस हफ्ते वाशिंगटन में हैं। भारत में ऐसी उम्मीद है कि वह ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए जा रहे जवाबी शुल्क से बच सकता है। ट्रंप ने 20 जनवरी को पदभार संभालने के बाद से कई मौकों पर हाई टैरिफ के लिए भारत की आलोचना की है और यहां तक ​​कि देश को ‘टैरिफ लगाने के मामले में राजा’ और ‘टैरिफ का दुरुपयोग करने वाला’ भी बताया है। भारत ने वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में बॉर्बन व्हिस्की, वाइन और इलेक्ट्रॉनिक वाहन (ईवी) पर टैरिफ कम करने की घोषणा की। इन फैसलों को ट्रंप प्रशासन को एक संकेत भेजने की कोशिश के रूप में देखा गया कि भारत कुछ खास सेक्टरों में टैरिफ कम करने के लिए तैयार है।

कनाडा और मेक्सिको पर लागू हुआ 25 प्रतिशत टैरिफ

अमेरिका, भारत के साथ लगभग 45 अरब डॉलर के व्यापार घाटे को कम करने के लिए ज्यादा अमेरिकी तेल, गैस और मिलिट्री प्रोडक्ट्स खरीदने के लिए भी दबाव डाल रहा है। साल 2023 के लिए वस्तुओं और सेवाओं में कुल द्विपक्षीय व्यापार 190 अरब डॉलर रहा और इसके साथ अमेरिका, भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर था। वित्त वर्ष 2023-24 में, अमेरिका 4.99 अरब डॉलर के पूंजी प्रवाह के साथ भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का तीसरा सबसे बड़ा स्रोत था। टैरिफ पर ट्रंप की पॉलिसी ने वैश्विक चिंताओं और एक बड़े व्यापार युद्ध की आशंका को जन्म दिया है। कनाडा और मेक्सिको से आयात पर 25 प्रतिशत टैरिफ मंगलवार से लागू हो गया। इसके अलावा, अमेरिकी राष्ट्रपति ने फरवरी में चीनी आयात पर घोषित 10 प्रतिशत टैरिफ को भी दोगुना कर अब 20 प्रतिशत कर दिया है।

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