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उत्तर प्रदेश

रवीन्द्रालय चारबाग में लखनऊ पुस्तक मेला : सातवां दिन- कविताओं और सम्मान के बीच कई पुस्तकों का विमोचन

रवीन्द्रालय चारबाग में लखनऊ पुस्तक मेला : सातवां दिन-     कविताओं और सम्मान के बीच कई पुस्तकों का विमोचन
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लखनऊ, 7 मार्च। रवीन्द्रालय चारबाग में पहली मार्च से चल रहा लखनऊ पुस्तक मेला समापन की ओर बढ़ चला है। अंतिम दिनों में मेले में स्कूल कालेज के छात्र छात्राओं के साथ पुस्तक प्रेमियों की भारी भीड़ उमड़ रही है। यह मेला रविवार को विदा ले लेगा।भारतीय कलाओं में बाहरी खूबसूरती के साथ आंतरिक सौंदर्य को भी बहुत अहमियत दी गई है। उत्सवों और त्योहारों का तो महत्वपूर्ण स्थान है ही, मूर्तिकला, चित्रकला, स्थापत्य, नृत्य और संगीत की परंपरा के संग मंदिरों और महलों के निर्माण की परंपरा रही है। साथ ही भारतीय कलाओं में कई तरह की कला परम्पराएं और शैलियां हैं। पुस्तक मेले के कई स्टालों पर भारतीय की प्रतीकात्मकता और विविधता आदि का विश्लेषण और विवेचना करती अनेक किताबें हैं। निः शुल्क प्रवेश और हर किताब पर कम से कम 10 प्रतिशत छूट देने वाले इस मेले में भारतीय कला प्रकाशन के स्टाल पर भारतीय चित्रकला की परम्परा, भारतीय सौंदर्यशास्त्र, राजस्थानी मिनियेचर्स, पश्चिमी भारत का पुरातत्व और मूर्तिशिल्प, हड़प्पन आर्ट, प्राचीन भारतीय अभिलेख और बसोहली पेस्टिंग जैसी बहुत सी किताबें हैं। शुभी पब्लिकेशन्स के स्टाल में इण्डियन थियेटर ट्रेडीशन्स, वैनिशिंग टैम्पल आर्ट, दिन डांस आफ काली, आर्ट विद आउट फ्रण्टियर्स, हवेलीज, जैसलमेर वास्तुशिल्प आदि के संग कथक, ओडिसी, भरतनाट्यम नृत्य विधाओं पर अनेक पुस्तकें हैं। जय बुक के स्टाल पर दि आर्ट आफ यांकेल गिन्जबर्ग इत्यादि किताबें हैं। इससे अलग एंजेल बुक के स्टाल पर राजकमल प्रकाशन की साहित्यिक पुस्तकें भी उपलब्ध हैं। ऐसी किताबमंच पर आज कार्यक्रमों की शुरुआत योग और प्राकृतिक चिकित्सा के साथ जापानी रेकी हीलिंग पद्धति का सत्र चला। डा.कमल किशोर ने बताया कि रेकी से हम ऊर्जा एकत्र कर अपनी बीमारियों से छुटकारा पा सकते हैं। अवसाद में तो यह बहुत जल्दी काम करता है और कैंसर में भी लाभ होता है। पुस्तकों के विमोचन में आज डा. प्रेमस्वरूप श्रीवास्तव की अंग्रेजी पुस्तक स्टेयर्स टू हैवेन का विमोचन शिवपाल सांवरिया और पार्षद गौरी सांवरिया ने माधुरी श्रीवास्तव और विशाल की उपस्थिति में किया। लेखक ने किताब में बताया है कि जीवन का वास्तविक उद्देश्य आनंद लेना और जश्न मनाना नहीं है, बल्कि दुख और पीड़ा में लोगों की सेवा करना है और अंततः जीवन और मृत्यु के चक्र को तोड़ने तक पहुंचना है। इससे पहले पृथ्वी इनोवेशन का पर्यावरण जागरूकता कार्यक्रम हुआ। कमलेश त्रिपाठी के काव्य संग्रह रिदम इन पोयम्स और प्रणिता लेले की किताब टाइनी टिविस्टेड यार्न्स एण्ड वर्स का विमोचन हुआ। समारोह में मंच पर ज्योत्सना कौर हबीबुल्ला, फरीदा जलीस, रानू उनियाल, आनंद वर्धन सिंह, निहारिका सिंह, नमिता राय और पूनम जग्गी की विशेष उपस्थिति में उनके विचार सामने आए। शाम को नवीन शुक्ल के संयोजन और संचालन में साहित्यकार संसद और नमन प्रकाशन की गजलों की एक शाम सजी। रामप्रकाश बेखुद की अध्यक्षता में शोभा दीक्षित भावना की वाणी वंदना के बाद मुनीर नजर के प्रेम गीत के बाद अभिषेक सहज ने शेर में पढ़ा- जख्म हरे और झूम के गाना इतना ही आसान नहीं। इसके साथ ही फिदा हुसैन, श्वेता श्रीवास्तव, संजय मल्होत्रा हमनवां, अरविंद झा, अभिषेक सहज, हर्षित आदि ने रचनाएं पढ़़ीं। रचनाकारों को गीतकार डा.सुरेश और मुनेन्द्र ने सम्मानित किया। इसी क्रम में रेवांत की ओर से सम्मान और काव्य समारोह चला। मेले में पीजीआई की इकाई स्टेट आर्गन एण्ड टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गनाइजेशन के माध्यम से स्टाल 54 पर अंगदान के इच्छुक लोग शपथपत्र फार्म भरवाए जा रहे हैं। कल मेले में स्वास्थ्य शिविर भी लगेगा।

मेले में 8 मार्च को

पूर्वाह्न 11ः00 बजे काव्य गोष्ठी : नवसृजन संस्था

दोपहर 12ः30 बजे पुस्तक लोकार्पण : डा.रश्मि श्रीवास्तव

अपराह्न 2ः00 बजे बच्चों और युवाओं के कार्यक्रम

अपराह्न 3ः30 बजे पुस्तक लोकार्पण : निखिल प्रकाशन

शाम 5ः00 बजे पुस्तक लोकार्पण व काव्यपाठ : वीरेंद्र सारंग

शाम 7ः 00 बजे विमोचन काव्य संग्रह : प्रतिबंधित मौन

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