गांधीवादी कार्यकर्ता हिमांशु कुमार का हुआ स्वागत

जनता की आवाज/आशुतोष शुक्ल
बस्ती - आपसी भाईचारा, प्रेम, सद्भाव व मानवता का संदेश लेकर गांधी की समाधि स्थल राजघाट से सद्भावना साइकिल यात्रा पर निकले जाने माने गांधीवादी व मानवाधिकार कार्यकर्ता हिमांशु कुमार का आज बस्ती प्रेस क्लब में स्वागत हुआ। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज के समय में चहुंओर भय, हिंसा,सांप्रदायिकता तथा विषमता का वातावरण व्याप्त है। राजनेताओं द्वारा मानव समाज को विभिन्न जाति,धर्म तथा संप्रदाय में कट्टरता बढ़ाकर जल,जंगल और जमीन को पूंजीपतियों के हवाले किया जा रहा है। अमीरी गरीबी की खाई निरंतर चौड़ी होती जा रही है। यह देश दुर्भाग्य ही है कि जहां एक ओर अरबपतियों की संख्या बढ़ती जा रही है वहीं अधिकांश जनसंख्या मुफ्त राशन पर गुजारा करने को विवश हैं। पूंजी केवल कुछ धनकुबेरों के हाथों में सिमटती जा रही है। आम जनमानस स्वप्नवादी बनाया जा रहा है। सरकार अपनी कमियों पर निरंतर पर्दा डाल रही है। समाज में बेरोजगारी तथा बेकारी की दुश्वारियां निरंतर बढ़ती जा रही है। अंधाधुंध औघोगिकरण तथा मशीनीकरण के कारण रोजगार के अवसर कम होते जा रहे हैं। निजीकरण के कारण स्थाई रोजगार के अवसर कम होते जा रहे हैं। तमाम डिग्रियां हासिल करने पर भी आज का युवा ठगा महसूस कर रहा है। वहीं पर बुद्धजीवी वर्ग को दो जून की रोटी में इस कदर उलझा दिया गया है कि उसके अंदर एक सजग नागरिक के गुणों का ह्रास होता जा रहा है। मीडिया पर पाबंदियां बढ़ती जा रही है। लोकतांत्रिक संस्थाओं का दायरा सिमटता जा रहा है । हाशिये के तबकों की आवाजों को दबा दिया जा रहा है। विश्व के विभिन्न देशों के बीच आपसी खिंचातानी बढ़ती जा रही है। अनेक देश अपनी क्षुद्र आर्थिक पिपासाओं को शांत करने के लिए निरंतर संघर्ष कर रहे हैं। इस संघर्ष में निरीह मनुष्य मारा जा रहा है। उसको गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार से वंचित किया जा रहा है। ऐसे में इस हिंसक तथा अतिवादिता के दौर में गांधी के दर्शन की महत्ता बढ़ती जा रही है। उन्होंने जिस शांति, सहिष्णुता तथा अहिंसा का पैगाम दिया था उसे आज भारत सहित विश्व के सभी देशों को अपनाने की अनिवार्य आवश्यकता है बन पड़ी है। हमारे सद्भावना यात्रा का मकसद मानवता के इन्हीं मूल्यों की स्वीकारता पर बल देना है। यह यात्रा आगे चलकर कुशीनगर में समाप्त होगी।
इस दौरान सभागार में डा रघुवंशी मणि त्रिपाठी, आद्याशरण चौधरी,सीए राजेश पटेल,नीरज वर्मा,के.के.वर्मा, कैलाशनाथ,रमाकांत, रामप्रकाश, सत्यप्रकाश,उमेश,मो अहमद खान,डा राम अवतार निषाद, आशुतोष यादव, मुस्तकीम, गंगाप्रसाद कनौजिया, ज्ञानदास कनौजिया आदि लोग शामिल रहे।