गोकुल में छाए गुलाल के बदरा, हुरियारों पर बरसे हुरियारिनों के लट्ठ

भगवान श्रीकृष्ण की क्रीड़ा स्थली में छड़ी मार होली खेली गई, जिसमें दूर दराज से आए श्रद्धालुओं ने जमकर गुलाल उड़ाया। राधाकृष्ण के होरी के गीतों पर जमकर थिरके गोकुल की ग्वालिनों ने छड़ी मार कर होली खेली।
सुबह दस बजे नंदभवन नंद किला मंदिर में मंदिर के सेवायत पुजारी मथुरा दास ने ठाकुर जी की आरती कर कार्यक्रम की शुरुआत की। साढ़े दस बजे ठाकुर जी का भोग लगाया गया। मंदिर परिसर में मंदिर के पुजारियों ने होरी गायन किया। ग्यारह बजे ग्वालिनों को मेवा युक्त दूध पिलाया गया। बारह बजे मंदिर से ठाकुर जी का डोला निकाला गया, जिसमें कृष्ण बलराम के स्वरूप सज-धजकर मुरलीधर घाट के लिए निकले। गोकुल की गलियों में होली की धूम मचने लगी।
गोकुल नाथ नंदालय नंदभवन सेवा समिति द्वारा सभी श्रृद्धालुओं को ठंडाई पकोड़ा का स्वल्प आहार दिया गया। गोकुल की गलियों में खुदा बख्श की शहनाई एवं डोल नगाड़े की धुन पर श्रद्धालु थिरकते हुए होली की मदमस्ती में चले।
ठाकुर जी का डोला नंद किला गली से होकर माखन चोर गली में पहुंचा। वहां से नंद चौक होकर मुरलीधर घाट के समीप होली चबूतरा पर पहुंचे। वहां ठाकुर जी को विराजमान कर पुनः आरती की गई। ठाकुर जी से गुलाल लगाया। उधर ग्वालिनें छड़ी मार होली खेलने लगी। ग्वाले छड़ियों को अपने लठ्ठ पर लेकर बचाव करने लगे।
राधाकृष्ण के स्वरूप रसिया गायन पर नृत्य करते रहे। छड़ी मार होली के बाद होली पांडाल में गुलाल उड़ाया गया। टेसू के फूलों से तैयार किया रंगों की बौछार होने लगी। श्रृद्धालु होरी के रसिया की जय-जयकार करने लगे।शाम को आरती कर ठाकुर जी को मंदिर के लिए डोला से लाया गया। गोकुल की गलियों में गुलाल के बदरा छाने लगे।
इस दौरान मंदिर के सेवायत पुजारी राममूर्ति पुजारी, मथुरा दास पुजारी ,मानी पुजारी, पप्पू पुजारी,मयंक शर्मा, प्रीत शर्मा, प्रशांत पंडित, उमेश पंडित,अतुल तिवारी, गिरधर भाटिया, आदि लोग मौजूद रहे।
विधायक, जिलाधिकारी, डीआईजी गोकुल की होली में पहुंचे
गोकुल की छड़ी मार होली में क्षेत्रीय विधायक पूरन प्रकाश, जिलाधिकारी सीपी सिंह, डीआईजी शैलेश कुमार पांडेय, उपजिलाधिकारी महावन आदेश कुमार, तहसीलदार सुशील कुमार गुप्ता,सीओ महावन धर्मेंद्र सिंह चौहान, नगर पंचायत अध्यक्ष संजय दीक्षित, थाना प्रभारी डेजी पंवार, उप निरीक्षक योगेश कुमार, संजीव कुमार, संदीप कुमार आदि मौजूद रहे।
बोले श्रद्धालु....
गोकुल की होली अद्भुत है यहां साक्षात राधाकृष्ण हम लोगों को होली खेलते महसूस होते हैं यहां जैसा आंनद कहीं नहीं मिलता। रामू श्रृद्धालु
श्रीकृष्ण की क्रीड़ा स्थली की होली अलौकिक दृश्य है यहां हम पहली बार होली खेलने आएं हैं ठाकुर जी के आंगन की होली का आनंद अद्भुत है। प्रदीप अरोड़ा श्रृद्धालु
गोकुल में होली खेली गई बहुत आंनद आया यहां होली अनेक प्रकार से खेली गई जिसमें छड़ी मार की होली अलौकिक थी ग्वालिनों के साथ होली का आनंद अद्भुत है। मनोज श्रृद्धालु
बृज की होली बहुत ही सुन्दर है यहां देश नहीं विदेशों से होली खेलने आते हैं गोकुल में होली खेलते वक्त ऐसा लगा मानो द्वापर युग जीवंत हो गया। प्रभात श्रृद्धालु