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उत्तर प्रदेश

पीएम मोदी ने कहा, “जीवन में भीतर के विद्यार्थी को मरने नहीं देना चाहिए. लगातार सीखते रहना चाहिए.”

पीएम मोदी ने कहा, “जीवन में भीतर के विद्यार्थी को मरने नहीं देना चाहिए. लगातार सीखते रहना चाहिए.”
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ पॉडकास्ट में पाकिस्तान के साथ शांति प्रयासों को लेकर कहा कि मैंने प्रधानमंत्री बनने के बाद खासतौर से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को निमंत्रित किया था. ताकि एक शुभ शुरुआत हो, लेकिन हर बार अच्छे प्रयासों का परिणाम नकारात्मक निकला. उम्मीद है कि उनको सद्बुद्धि मिलेगी और सुख शांति के रास्ते पर जाएंगे.यह पॉडकास्ट करीब 3 घंटे की है. पीएम मोदी का यह पहला इंटरनेशनल पॉडकास्ट है. फ्रिडमैन ने तीन घंटे के लंबे अपने पॉडकास्ट के दौरान प्रधानमंत्री मोदी से कई विषयों पर तमाम सवाल पूछे. पॉडकास्टर फ्रिडमैन के साथ अपनी लंबी बातचीत को पीएम मोदी शानदार बताया. पीएम मोदी ने अपने इस पॉडकास्ट में अपने बचपन, हिमालय में गुजारे कई सालों और सार्वजनिक जीवन की यात्रा समेत अलग-अलग विषयों से जुड़े सवालों का जवाब दिया.

लेक्स फ्रिडमैन पॉडकास्ट जगत का चर्चित नाम

पॉडकास्ट जगत में लेक्स फ्रिडमैन काफी जाना-पहचाना नाम हैं. फ्रिडमैन के यूट्यूब चैनल पर 45 लाख से अधिक सब्सक्राइबर्स हैं. वह साल 2018 से ही पॉडकास्ट कर रहे हैं. साइंस, टेक्नोलॉजी, स्पोर्ट्स और पॉलिटिक्स के समेत कई अलग-अलग क्षेत्रों की दिग्गज हस्तियों के साथ पॉडकास्ट कर चुके हैं. पॉडकास्ट के फील्ड में आने से पहले वह कंप्यूटर साइंटिस्ट भी रहे.

राष्ट्रपति ट्रंप का भी इंटरव्यू ले चुके हैं फ्रिडमैन

पीएम मोदी के इंटरव्यू से पहले लेक्स फ्रिडमैन कई अन्य नामचीन हस्तियों का भी इंटरव्यू ले चुके हैं. इसमें अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, स्पेसएक्स के फाउंडर एलन मस्क, अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस और फेसबुक के को-फाउंडर मार्क जुकरबर्ग के साथ-साथ यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की का नाम भी शामिल है. मशहूर पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन ने इस साल की शुरुआत में ही पीएम नरेंद्र मोदी के साथ पॉडकास्ट इंटरव्यू करने की इच्छा जताई थी. 19 जनवरी को फ्रिडमैन ने ट्वीट कर कहा था कि वह पीएम मोदी के साथ पॉडकास्ट करने को लेकर काफी उत्साहित हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि मेरी जो ताकत है वो मोदी नहीं बल्कि 140 करोड़ देशवासी, हजारों साल की महान सांस्कृतिक परंपरा यही मेरी ताकत है. वेद से लेकर विवेकानंद तक ही महान परंपरा को, 140 करोड़ लोगों के सपनों को लेकर मैं निकलता हूं. पीएम मोदी ने कहा कि गरीबी को हमने कभी बोझ नहीं समझा.

पीएम मोदी ने कहा कि जब भी हम शांति की बात करते हैं तो पूरा विश्व सुनता है क्योंकि यह बुद्ध और गांधी की धरती है. हम संघर्ष के पक्ष के नहीं बल्कि समन्वय के पक्ष के हैं. न हम प्रकृति के बीच संघर्ष चाहते हैं और न ही हम राष्ट्रों के बीच संघर्ष को चाहते हैं. हम समन्वय चाहने वाले लोग हैं. हम इसमें कोई भूमिका अदा कर सकते हैं तो निरंतर हमने प्रयत्न किया है.

पीएम मोदी ने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री बनने के बाद खासतौर से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को निमंत्रित किया था. ताकि एक शुभ शुरुआत हो, लेकिन हर बार अच्छे प्रयासों का परिणाम नकारात्मक निकला. उम्मीद है कि उनको सद्बुद्धि मिलेगी और सुख शांति के रास्ते पर जाएंगे और वहां की आवाम भी दुखी होगी, मैं ऐसा मानता हूं.

पीएम मोदी ने पॉडकास्ट में RSS से अपने जुड़ाव के बारे में कहा, “मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मैंने आरएसएस जैसे प्रतिष्ठित संगठन से जीवन का सार और मूल्य सीखा. मुझे उद्देश्यपूर्ण जीवन मिला.” उन्होंने कहा, “बचपन में आरएसएस की सभाओं में जाना हमेशा अच्छा लगता था. मेरे मन में हमेशा एक ही लक्ष्य रहता था, देश के काम आना. यही संघ ने मुझे सिखाया. आरएसएस इस साल 100 साल पूरे कर रहा है. संघ से बड़ा कोई ‘स्वयंसेवी संघ’ दुनिया में नहीं है. आरएसएस को समझना आसान काम नहीं है, इसके कामकाज को समझना होगा. यह अपने सदस्यों को जीवन का उद्देश्य देता है. यह हमें सिखाता है कि राष्ट्र ही सब कुछ है और समाज सेवा ही ईश्वर की सेवा है.”

पीएम मोदी ने अपने शुरुआती दौर के बारे में बताते हुए कहा कि मेरी जन्मनगरी वडनगर है. जब मैं स्कूल में पढ़ता था, तब हमसे कहा जाता था कि कहीं पर कुछ अलग तरह से पत्थर मिले तो उसे एकत्र करते रहा करो. बाद में मुझे पता चला कि वडनगर बौद्ध शिक्षा का केंद्र हुआ करता था. बाद में जब मैं मुख्यमंत्री बना तो वहां पर खुदाई का काम करवाया. फिर मुझे पता चला कि बौद्ध ही नहीं बल्कि जैन और हिंदु तीनों धर्मों का मुख्य स्थल था. खुदाई में जो चीजें मिलीं वो ऐतिहासिक रहीं. 2800 से अधिक सालों का इतिहास की जानकारी मिली.

पीएम मोदी ने कहा कि काशी मेरी कर्मभूमि बनी. काशी भी अविनाशी है. वो भी सैकड़ों सालों से निरंतर जीवंत दत्त शहर है. वडनगर मेरी जन्मभूमि रही तो वाराणसी मेरी कर्मभूमि रही.

पीएम मोदी ने कहा, “मैं एक दिन स्कूल जा रहा था, मैं बिना जूतों के ही स्कूल जाया करता था. एक दिन मेरे मामा ने देखा कि मैं बिना जूतों के स्कूल जा रहा हूं तो उन्होंने मुझे कैनवास के जूते दिए. फिर मैं सफेद रंग के कैनवास के जूते की बड़ी हिफाजत किया करता था. मैंने स्कूल में इस्तेमाल किया हुआ चॉक इकट्ठा किया और अपने सफेद जूते चमकाने के लिए इसका उपयोग किया. यह जूता मेरे लिए बड़ी संपत्ति की तरह थी.”

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