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उत्तर प्रदेश

संभल के नेजा मेला पर पुलिस ने लगाई रोक, गजनवी के सेनापति की याद में होता था जलसा

संभल के नेजा मेला पर पुलिस ने लगाई रोक, गजनवी के सेनापति की याद में होता था जलसा
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संभल: इस साल संभल में सैयद सालार मसूद गाजी की याद में आयोजित होने वाला नेजा मेला नहीं लगेगा। प्रशासन ने साफ कह दिया है कि वह लुटेरों के नाम पर मेले का आयोजन नहीं होने देगा। संभल में होली के बाद सैयद सालार मसूद गाजी की याद में नेजा मेला लगाया गया था। इस आयोजन को लेकर दूसरे समुदाय के लोगों ने पुलिस प्रशासन के सामने आपत्ति जताई थी।

प्रशासन की तरफ से कहा गया था कि सैयद सालार मसूद गाजी ने अपने देश को नुकसान पहुंचाया है। ऐसे व्यक्ति के नाम पर मेला लगाना और उसका गुणगान करना ठीक नहीं है। इस आपत्ति के बीच नेजा मेला कमेटी के लोगों ने सोमवार को अपर पुलिस अधीक्षक श्रीशचंद्र से मुलाकात की।

मसूद गाजी के नाम पर होता था जलसा

अपर पुलिस अधीक्षक ने मेला लगाने की अनुमति लेने आए लोगों से पूछा कि आप किसके नाम पर मेला लगा रहे हैं। आयोजकों ने जब कहा कि सैयद सालार मसूद गाजी के नाम पर नेजा मेला आयोजित किया जाता है तो अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने साफ कहा कि वे सैयद सालार मसूद गाजी के नाम पर मेला नहीं लगने देंगे। उन्होंने यहां तक ​​कहा कि सोमनाथ मंदिर को लूटने वालों के नाम पर मेले की अनुमति नहीं दी जा सकती।

पहले भी एसडीएम ने किया था इनकार

इससे पहले बुधवार को नेजा कमेटी के पदाधिकारियों ने नगर में लगने वाले नेजा मेले को लेकर एसडीएम डॉ. बंदना मिश्रा से मुलाकात की थी। पदाधिकारियों ने मेले के आयोजन की अनुमति मांगी थी, लेकिन तब भी एसडीएम ने साफ कर दिया था कि नेजा मेले के नाम पर कोई अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने 2023 की बैठक का हवाला देते हुए कहा था कि सद्भावना मेले के नाम पर नेजा मेले का आयोजन किया जाएगा।

सद्भावना मेले के नाम से आयोजन

बैठक में सभी पक्षों की सहमति के बाद तत्कालीन एसडीएम की ओर से आदेश जारी किया गया था कि भविष्य में यह मेला सद्भावना मेले के नाम से जाना जाएगा। परंपरा और सांप्रदायिक सौहार्द को ध्यान में रखते हुए इस निर्णय पर सहमति बनी। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता है कि मेला शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण वातावरण में आयोजित हो। पुराने आदेशों की पालना जरूरी है और उसी के अनुसार मेले की अनुमति दी जाएगी।

नेजा कमेटी के पदाधिकारियों ने मेले के पारंपरिक स्वरूप को लेकर अपनी मांग रखी। उन्होंने कहा कि नेजा मेला सदियों पुरानी परंपरा है और इसे उसी स्वरूप में आयोजित किया जाना चाहिए। लेकिन प्रशासन ने स्पष्ट किया कि सामाजिक सौहार्द बनाए रखने के लिए पिछले निर्णयों की पालना जरूरी है।

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