सुनहरे शेर पर विराजमान होंगी मां विंध्यवासिनी, विधिविधान से होगी स्थापना; आकर्षण का केंद्र बनेगा गर्भगृह

लाखों लोगों की श्रद्धा का केंद्र विंध्याचल मंदिर के गर्भगृह में अब मां विंध्यवासिनी, सुनहरे शेर पर विराजमान स्वरूप में भक्तों को दर्शन देंगी। अभी तक गर्भगृह में चांदी का सिंह स्थापित है। उसकी जगह स्वर्ण रंग का शेर तैयार होकर विंध्याचल आ गया है। जिसे एक, दो दिन में विधि विधान पूर्वक पुराने की जगह स्थापित किया जाएगा।।
पिछले साल गर्भगृह में स्वर्ण पत्तर से निर्मित स्तंभ और मेहराब लगवाने वाले उद्यमी के माध्यम से यह सिंह लगवाया जा रहा है। मां विंध्यवासिनी की सवारी शेर के निर्माण में छह किलो चांदी व उस पर सोने का पानी चढ़ने का दावा किया जा रहा है।
पिछले साल गर्भगृह में मां की मूर्ति के चारों तरफ स्वर्ण जड़ित मेहराब और स्तंभ लगाने का काम कराया गया था। मुंबई के कारोबारी और भदोही निवासी संजय सिंह ने मंडप में लगभग 51 किलो चांदी और साढ़े 4 किलो सोना दान किया था।
इसे लगाने के लिए गुजरात और मुंबई से कारीगरों को भी बुलाया गया था। मां विंध्यवासिनी के श्रृंगारिया पंडित रघुवर दयाल उपाध्याय ने बताया कि वर्तमान में जो शेर स्थापित है वह लगभग 5 किलो चांदी से बना हुआ है।
बोले अधिकारी
दान में मिले शेर को शृंगारिया की देखरेख में सौंप दिया जाएगा। वे परंपरागत तरीके से इसे लगाने का कार्य करेंगे। दान में मिला शेर चांदी निर्मित है। उस पर सोने का पानी चढ़ाया गया है। - प्रियंका निरंजन, जिलाधिकारी मिर्जापुर