राजेश से शादी कर कुलसुम बनीं 'ममता', आश्रम में थामा एक-दूजे का हाथ; इस्लाम छोड़ने की ये वजह बताई

बरेली। माता-पिता से परेशान उम्मे कुलसुम ने मतांतरण कर लिया। उन्होंने हिंदू धर्म स्वीकार करते हुए गांव के ही राजेश के साथ अगस्त्य मुनि आश्रम में विवाह कर लिया है। उनका कहना है कि उनके मुस्लिम धर्म में महिलाओं को वैसा सम्मान नहीं दिया जाता है, जैसा हिंदू धर्म में दिया जाता है।
कहा कि यहां पर महिलाओं को देवी का स्वरूप माना जाता है। उन्होंने अपने माता-पिता पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। कहा कि उनके पिता उन्हें जलाने जा रहे थे।
उम्मे कुलसुम ने धर्म बदल लिया
मूल रूप से आंवला के मनौना निवासी उम्मे कुलसुम का गांव के ही राजेश के साथ पिछले दो वर्षों से प्रेम-प्रसंग था। वह उनसे बातचीत करती और जीवनभर साथ रहने के वादे करतीं। यह बात जब उनके माता-पिता को पता चली तो उन्होंने उम्मे को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया।
घर से भागकर राजेश से विवाह कर लिया
उम्मे ने आरोप लगाया है कि उनकी मां उन्हें इस बात पर मारती थी कि वह राजेश से बात क्यों करती हैं। पिता भी उन्हें जलाने का प्रयास करते थे। किसी तरह से वह अपने घर से जान बचाकर राजेश के साथ भागीं और विवाह कर लिया।
हिंदू धर्म अच्छा लगता है, यहां महिलाओं को देवी माना जाता है- उम्मे
उम्मे ने बताया कि उन्हें हिंदू धर्म अच्छा लगता है, क्योंकि इस धर्म में महिलाओं को जो सम्मान मिलता है, वह सम्मान उनके धर्म में नहीं था। यहां महिलाओं को देवियों का स्वरूप माना जाता है। दोनों लोग गांव से भागकर सबसे पहले अगस्त्य मुनि आश्रम पहुंचे और वहां पर उन्होंने विवाह करने का प्रस्ताव रखा।
अगस्त्य मुनि आश्रम में दोनों ने की शादी
इसके बाद सभी कागजी कार्रवाई के बाद अगस्त्य मुनि आश्रम के पंडित केके शंखधार ने दोनों का विवाह करा दिया। उम्मे ने अपनी जान का खतरा बताते हुए पुलिस प्रशासन से भी सुरक्षा की मांग की है। उम्मे ने बताया कि मतांतरण के बाद अब उनका नया नाम ममता है। अब वह इसी नाम से पहचानी जाएंगी।