डा.चारू के काव्य संग्रह 'नहर किनारे' का संगीतमय विमोचन

लखनऊ, 27 मार्च। विचारों और आम जीवन की घटनाओं से उपजी खरे की कविताओं के संग्रह 'नहर किनारे' का विमोचन संगीतमय प्रस्तुतियों के बीच हुआ। विमोचन आज शाम एमबी क्लब के बाल रूम में अतिथियों के तौर पर किरण कौशिक, डा.सुनीता सक्सेना और विभूति कुमार सिन्हा ने किया।
इस अवसर पर अतिथि वक्ताओं ने कहा कि विज्ञान की शोधार्थी होते हुए डा.चारू ने संवेदनशील व्यक्तित्व और साहित्यिक अभिरुचि के नाते अनुभूतियों को कविताओं में अभिव्यक्त किया है। अपने लेखन पर डा.चारू ने कहा कि कविताओं की रचना स्वतः सुखाय ही प्रारंभ की, पर धीरे धीरे वह स्वभाव और आत्मभिव्यक्ति का जरिया बन गया। डा. रश्मि चतुर्वेदी ने बेबाकी से अपने विचार रखते हुए कहा कि डा चारू की रचनाओं में मां के रूप में स्त्री के कोमल और दृढ़ दोनों ही स्वरूपों के दर्शन होते हैं। समारोह में उस्ताद गुलशन भारती और उनके शिष्यों ने गजलों के संग कई रचनाओं को प्रस्तुत किया। आर्गन पर विजय सैनी और तबले पर थापा ने साथ दिया। अंत में आभार डा.डीसी करें ने व्यक्त किया।
इस मौके पर अन्य अतिथियों में प्रभु झिंगरन, आलोक शुक्ला, अखिलेश मयंक व राजवीर रतन आदि उपस्थित थे।