भूमाफियाओं पर चला सरकार का चाबुक

35 साल पैरवी के बाद सरकार के पक्ष में आया कोर्ट का फैसला,अब सरकारी जमीन पर बनेगी भव्य गौशाला
लखनऊ। 35 साल की कानूनी लड़ाई के बाद उत्तर प्रदेश सरकार को 53 बीघा सरकारी भूमि को जालसाजो और भूमाफियाओं के चंगुल से छुड़वाने में सफलता मिली है ये भूमाफिया अपने निजी उपयोग के लिए लंबे समय तक इस भूमि का उपयोग करते रहे थे जिसको बाद में इनके द्वारा दूसरे भूमाफिया को भी बेच दिया गया था उत्तर प्रदेश सरकार के स्थायी अधिवक्ता डॉ कृष्णा सिंह ने बताया कि हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने सुनाया फैसला इस संबंध में फैसला सुनाया है जिससे अब इस सरकारी जमीन पर एक बड़ा गौ संरक्षण केंद्र बनाने का रास्ता साफ हो गया है सीतापुर जिले के तहसील सीतापुर में ग्राम सभा पारा की लगभग 53 बीघा जमीन के संबंध में न्यायालय संचालक चकबंदी/-अपर जिलाधिकारी न्यायिक सीतापुर मूल खातेदार रूद्र सिंह पुत्र भज्जा सिंह का कोई निकटतम वारिस ना होने के कारण खातेदार का नाम निरस्त करके वादी भूमि, परगना अधिकारी सीतापुर द्वारा पारित आदेश वर्ष 1984 के आधार पर राज्य सरकार के खाते में दर्ज किए जाने का आदेश दिया था, जिसके विरुद्ध प्रश्नगत रिट याचिका चंदन सिंह उर्फ चंद्रपाल सिंह के द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में योजित की गई थी यह मामला सरकारी जमीन हड़पने के लिए 35 वर्षों से किए जा रहे विभिन्न प्रयासों को राज्य सरकार की प्रभावी पैरवी द्वारा अब विफल कर दिया गया है माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ लखनऊ के न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह द्वारा सरकार के पक्ष में आदेश करते हुए जमीन राज्य सरकार को वापस दे दी गई है राज्य सरकार की तरफ से स्थाई अधिवक्ता डॉ कृष्णा सिंह द्वारा मुकदमे की प्रभावी पैरवी की गयी थी।