दो दिन पहले ही अनुज पर इनामी राशि की गई थी एक लाख से ढाई लाख, पांच सालों से पुलिस को दे रहा था चकमा

मऊ। माफिया मुख्तार अंसारी गैंग का शार्प शूटर अनुज कन्नौजिया कई वर्षों से फरार था। डीजीपी कार्यालय ने बीते गुरुवार को ही उस पर इनाम की राशि एक लाख से बढ़ाकर ढाई लाख रुपये की थी। अनुज मऊ के चिरैयाकोट के बहलोलपुर गांव का रहने वाला था और उसके खिलाफ मऊ, आजमगढ़ और गाजीपुर जिलों के थानों में गैंग्स्टर एक्ट, आर्म्स एक्ट, गुंडा एक्ट आदि धाराओं में 23 मुकदमे दर्ज थे। वह पिछले पांच वर्षों से पुलिस को चकमा दे रहा था।
पुलिस के अनुसार उसके खिलाफ मऊ जिले के कोतवाली थाने में सबसे ज्यादा छह मुकदमे दर्ज थे। इसके अलावा रानीपुर में पांच, दक्षिण टोला में दो और चिरैयाकोट में तीन मुकदमे दर्ज थे। गाजीपुर और आजमगढ़ में भी उसके खिलाफ गंभीर धाराओं में कई मुकदमे दर्ज थे।
अनुज पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस पहले भी कई प्रयास कर चुकी है। सबसे पहले अपर पुलिस महानिदेशक वाराणसी जोन ने उसके ऊपर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।
प्रशासन ने उस पर दबाव बढ़ाने के लिए पिछले दिनों आजमगढ़ स्थित उसके घर को बुलडोजर से गिरा दिया गया था। इसके अलावा, उसके परिवार वालों पर भी गैंग्स्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई और जेल भेज दिया गया।
बता दें कि जमशेदपुर के गोविंदपुर में रहने वाले मुख्तार अंसारी गैंग का कुख्यात शूटर अनुज कन्नौजिया पुलिस मुठभेड़ में शनिवार की रात मारा गया। गोविंदपुर के भूमिहार सदन के पास उत्तर प्रदेश एसटीएफ (गोरखपुर यूनिट) और झारखंड पुलिस की संयुक्त टीम ने कुख्यात शूटर को घेर लिया। इसके बाद दोनों ओर से भारी गोलीबारी हुई। मुठभेड़ में अनुज कन्नौजिया को पुलिस ने मार गिराया।
अनुज पर 2.5 लाख रुपए का इनाम था और पुलिस को कई संगीन मामलों में उसकी तलाश थी। पुलिस ने मौके से हथियार और अन्य आपत्तिजनक सामान बरामद किया है। इसकी जानकारी यूपी एसटीएफ चीफ अमिताभ यश ने दी।
अनुज पर 23 से अधिक मुकदमे दर्ज थे, वह लंबे समय से फरार चल रहा था। यूपी पुलिस लगातार उसकी तलाश में जुटी थी। आखिरकार शुक्रवार की रात को अनुज को ढूंढने में पुलिस को कामयाबी मिली, लेकिन मुठभेड़ होने के कारण वह मारा गया।