मधुमक्खी पालन उत्कृष्टता केंद्र का हुआ शिलान्यास।

कृषि विज्ञान केंद्र धौरा उन्नाव में राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन योजनांतर्गत (NBHM) मधुमक्खी पालन उत्कृष्टता केंद्र का शिलान्यास किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पद्म भूषण विश्व विख्यात वैज्ञानिक डॉ राजेंद्र सिंह परौदा, विशिष्ट अतिथि पूर्व उप महानिदेशक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली डॉ पी दास, सहायक महानिदेशक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली डा रंजय कुमार सिंह थे। कार्यक्रम के पहले अतिथियों ने हसनगंज के नसरतपुर जंगलेमऊ में पौध संरक्षण वैज्ञानिक डा जय कुमार यादव द्वारा चलाये जा रहे आई पी एम तकनीकी एवं बीबीपुर चिरियारी में कृषि अभियांत्रिकी वैज्ञानिक इंजी रमेश चंद्र मौर्य द्वारा कराए गए लैंड लेजर लेवलर से समतली करण एवं सुपर सीडर द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन के साथ गेहूं की बुआई का प्रदर्शन देखा और कृषकों से संवाद भी किया । भ्रमण के उपरान्त मुख्य अतिथियों ने केंद्र के वैज्ञानिकों से हो रहे कार्यों का मूल्याकंन किया। डा धीरज कुमार तिवारी प्रभारी ने केंद्र द्वारा किए गए 25 वर्षों के कार्यों की प्रगति आख्या प्रस्तुत किया। इसके बाद सभी अतिथि केन्द्र पर चल रहे वैज्ञानिक विधि से मधुमक्खी पालन पर दो दिवसीय सेमिनार में शामिल हुए। कार्यक्रम की शुरुआत गौ माता एवं भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित किया गया। कार्यक्रम में सभी अतिथियों को अंग वस्त्र एवं मोमेंटो देकर स्वागत किया गया। कार्यक्रम में केंद्र के अध्यक्ष मोहित कुमार सिंह ने कार्यक्रम में आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत किया एवं केंद्र की स्थापना के विषय पर कृषकों और अतिथियों को बताया । संस्थापक अध्यक्ष रमेश कुमार सिंह ने कृषकों को बताया कि किसानों के लिए सौभाग्य की बात है कि हम इतने दिनों से प्रयास कर रहे थे और आज वो घड़ी आई जिसमें पदम भूषण विश्व विख्यात वैज्ञानिक को सुनने का मौका मिला और साथ ही बताया कि आप सभी के लिए केंद्र स्थापित किया गया है आप सभी उसका लाभ उठाएं। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पद्म भूषण डा राजेंद्र सिंह परौदा ने किसानों को बताया कि केंद्र पर उत्कृष्टता केंद्र स्थापित हो रहा है जिससे युवाओं को वोकेशनल ट्रेनिंग लेकर मधुमक्खी पालन करना चाहिए जिससे आपकी आय में बढ़ोतरी के साथ ही आपके फसल उत्पादन में भी वृद्धि होगी साथ ही बताया मधुमक्खी पालन करके शहद को एक्सपोर्ट भी कर सकते हैं। डा पी दास पूर्व उप महानिदेशक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली ने किसानों को बताया कि आप सभी कृषि विज्ञान केंद्र के सहयोग से नवीनतम तकनीकियों को अपनाए और प्राकृतिक संसाधनों को बचाने का प्रयास करें। डा रंजय कुमार सिंह ने बताया कि युवाओं के उद्यमिता विकास हेतु तरह तरह के डिप्लोमा कोर्स की शुरुआत पंजाब और हरियाणा के तर्ज पर करना चाहिए जिसमें युवा उद्यम स्थापित कर सकें और युवाओं को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थानों का समय समय पर भ्रमण कराना चाहिए जिससे तकनीकी ज्ञान ले सकें और उस पर अमल कर सकें। अशोक कुमार सिंह पूर्व अपर आयुक्त खाद्य एवं रसद विभाग ने अंत में धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम का मंच संचालन मृदा वैज्ञानिक रत्ना सहाय ने किया और साथ उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना के बारे में प्रकाश डाला। डा जय कुमार यादव नोडल मधुमक्खी पालन परियोजना ने बताया कि कृषकों एवं एफ़पीओ से जुड़े हुए सदस्यों के लिए उद्यम स्थापित करने के लिए राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन योजनांतर्गत दो दिवसीय सेमिनार कार्यक्रम नेशनल बी बोर्ड नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित था जिससे किसानों को जागरूक करा पाना संभव हुआ जिससे कृषक अपनी स्किल का प्रयोग करके उद्यम स्थापित कर सकते हैं और बताया कि मधुमक्खी पालन करने के लिए आपको कभी भी तकनीकी सहयोग की आवश्यकता हो आप सभी लोग कृषि विज्ञान केंद्र धौरा में सम्पर्क कर सकते हैं आप सभी की हर संभव मदद की जायेगी। किसानों को बताया कि मधुमक्खी पालन करके आप अपने फसलों की उत्पादकता भी बढ़ा सकते हैं जिससे आपकी फसल अच्छी तो होगी ही साथ ही साथ शहद का भी उत्पादन होगा। ।कार्यक्रम में डा पंकज नौटियाल वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं हेड कृषि विज्ञान केंद्र हरदोई, जिला उद्यान अधिकारी उन्नाव सुरेन्द्र भास्कर, केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा ए के सिंह, डा अर्चना सिंह, रत्ना सहाय, डा धीरज कुमार तिवारी,सुनील सिंह, इंजी. रमेश चंद्र मौर्य, डा जय कुमार यादव,डा विनीता सिंह, शांतनु सिंह, अनुभव सिंह एवं अन्य स्टाफ उपस्थित रहे