'...तो मैं यहां न बैठा होता', केंद्रीय नेताओं के साथ मतभेद की चर्चा पर सीएम योगी का दो टूक जवाब

नई दिल्ली। केंद्र की सियासत में नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश की राजनीति में योगी आदित्यनाथ का नाम हमेशा चर्चा में बना रहता है। पिछले कुछ सालों से योगी आदित्यनाथ की शख्सियत बड़े भगवा चेहरे के रूप में उभरकर सामने आई है। अवैध मदरसे हों, लव जिहाद या फिर सड़क पर नमाज अदा करने को लेकर उनका रुख हमेशा स्पष्ट रहा है।
पीटीआई को दिए गए इंटरव्यू में सीएम योगी ने सौगात-ए-मोदी और भाजपा नेताओं द्वारा मुस्लिमों के लिए धमकी भरे बयान और केंद्रीय नेताओं के साथ मतभेद की चर्चाओं पर भी अपना रुख साफ किया है।
किसी के साथ नहीं किया गया भेदभाव: सीएम योगी
मुख्यमंत्री ने कहा, मोदी ने जब 2014 में पीएम मोदी सत्ता में आए, तो उन्होंने 'सबका साथ' और 'सबका विकास' की बात की और उसी के अनुसार उन्होंने सभी के लिए विकास और कल्याणकारी योजनाएं लागू कीं। जाति, धर्म, भाषा के आधार पर किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया गया।'
मुख्यमंत्री ने आकंड़ें बताते हुए कहा, चार करोड़ लोगों को आवास मिल चुके हैं। 50 करोड़ लोगों को आयुष्मान बीमा योजना में प्रतिवर्ष 5 लाख का लाभ मिल रहा है। 80 करोड़ लोग राशन की सुविधा का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। करोड़ों घरों मुफ्त में बिजली कनेक्शन बाटें गए हैं। इन योजनाओं में किसी से जाति-धर्म नहीं पूछे गए हैं। इसमें लाभ प्राप्त करने वालों की सर्वाधिक संख्या मुसलमानों की है।
योजनाओं का 35 से 40 प्रतिशत मुस्लिमों को मिला लाभ
उत्तर प्रदेश में 20 प्रतिशत मुसलमान हैं। उन्हें इन सभी कल्याणकारी योजनाओं का 35 से 40 प्रतिशत लाभ मिला है। सभी जरूरत मंद लोगों को लाभ दिया गया है। हमने बस तुष्टीकरण नहीं किया है।
केंद्रीय नेताओं के साथ मदभेद के सवाल पर सूबे के मुखिया ने कहा, मतभेद की बातें पता नहीं कहां से आ जाती हैं। मैं यहां पर पार्टी के कारण ही बैठा हूं। केंद्रीय नेताओं के साथ मतभेद करके क्या मैं यहां बैठा रह सकता हूं?
टिकट के बटवारे के सवाल पर उन्होंने कहा, यह निर्णय संसदीय बोर्ड करता है। वहां पर सबकी चर्चा, सब पर चर्चा होती है। बोलने के लिए कोई कुछ भी बोल सकता है। किसी का मुंह आप बंद नहीं कर सकते हैं।