अब रोबोट भी कर रहे हैं कोडिंग – आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने रच दिया तकनीक का नया इतिहास

लेखक: प्रकाश पांडेय
मुंबई – जिस कल्पना को अब तक केवल विज्ञान-फंतासी फिल्मों में देखा गया था, वह अब हकीकत बन चुकी है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) द्वारा संचालित रोबोट अब स्वयं कोडिंग कर रहे हैं। यह तकनीकी दुनिया के लिए एक ऐतिहासिक मोड़ है, जहाँ इंसानों की तरह रोबोट भी अब सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट में भागीदारी निभा रहे हैं।
OpenAI ने हाल ही में o4-mini नामक एक अत्याधुनिक मॉडल लॉन्च किया है, जो न केवल इंटरनेट ब्राउज़ कर सकता है बल्कि स्वचालित रूप से कोड भी लिख सकता है और उसे डिबग (सुधार) कर सकता है। यह एजेंट इंसानों की सहायता के बिना पूरे सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट टास्क को अंजाम दे सकता है।
Microsoft भी पीछे नहीं है। उनके रिसर्च विंग ने ‘Magma’ नाम का एक AI एजेंट विकसित किया है जो विज़न और लैंग्वेज को एक साथ समझते हुए रोबोट और सॉफ्टवेयर दोनों को कंट्रोल कर सकता है। यह एजेंट सरल प्रोग्रामिंग टास्क जैसे पाइथन स्क्रिप्ट बनाना, डैशबोर्ड डिजाइन करना और डेटा प्रोसेसिंग जैसी गतिविधियाँ भी खुद कर सकता है।
शोधकर्ताओं द्वारा विकसित 'AutoMisty' नामक एक नया AI फ्रेमवर्क अब रोबोट्स को इंसानी भाषा में दिए गए निर्देशों को समझकर उस पर आधारित कोड लिखने में सक्षम बना रहा है। इसका मतलब है कि आप रोबोट से कह सकते हैं – “मौसम और आज की खबरें दिखाने वाला डैशबोर्ड बनाओ,” और वह खुद उसका कोड तैयार कर देगा।
इसी के साथ Hugging Face नामक ओपन-सोर्स प्लेटफ़ॉर्म ने Reachy 2 नामक ह्यूमनॉइड रोबोट को पेश किया है, जो शारीरिक कार्यों के साथ-साथ कोडिंग भी कर सकता है।
AI विशेषज्ञों का मानना है कि यह तकनीकी दुनिया के लिए एक क्रांतिकारी बदलाव है। IIT बॉम्बे की प्रोफेसर डॉ. अनन्या मेहता कहती हैं, “हम एक ऐसे युग में प्रवेश कर चुके हैं जहाँ कोडिंग केवल इंसानों तक सीमित नहीं रहेगी। AI एजेंट्स की सहायता से सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट पहले से कहीं अधिक तेज़ और कुशल होगा।”
हालाँकि इससे जुड़े कुछ नैतिक और रोजगार से संबंधित सवाल भी उठे हैं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि AI इंसानों की जगह लेने नहीं, बल्कि उनके साथ मिलकर काम करने आया है – उन्हें और अधिक सक्षम और उत्पादक बनाने के लिए।
AI और रोबोटिक्स के इस अभूतपूर्व संगम ने यह साफ कर दिया है कि भविष्य अब कोडिंग रोबोट्स का है।