चंदौली नगर में बिना नोटिस हटाई गई दो दशक पुरानी मीट-मुर्गा की दुकानें, दुकानदारों में आक्रोश

ओ पी श्रीवास्तव, चंदौली
चंदौली, उत्तर प्रदेश : चंदौली नगर में लगभग दो दशकों से लगातार मीट और मुर्गा की दुकानें लगाने वाले दुकानदारों को हाल ही में नगर पंचायत की ओर से अचानक दुकानें हटाने की कार्रवाई का सामना करना पड़ा। दुकानदारों का आरोप है कि यह कार्रवाई बिना किसी पूर्व नोटिस या वैकल्पिक स्थान की व्यवस्था के की गई, जिससे उनके रोज़गार पर संकट खड़ा हो गया है।
दुकानदारों ने बताया कि वे पिछले 20 वर्षों से नगर के प्रमुख चौराहों और बाज़ार क्षेत्रों में अपनी दुकानें लगाते आ रहे हैं। इस दौरान न केवल उन्होंने क्षेत्रीय जनता की आवश्यकताओं को पूरा किया, बल्कि अपनी रोज़ी-रोटी भी इसी पर आधारित रखी। उनका कहना है कि नगर पंचायत की यह कार्रवाई अन्यायपूर्ण और असंवेदनशील है।
विधायक का था आश्वासन दुकानदारों के अनुसार, चंदौली के विधायक श्री रमेश जायसवाल ने पूर्व में उन्हें आश्वासन दिया था कि जब तक कोई स्थायी या वैकल्पिक स्थान निर्धारित नहीं हो जाता, तब तक वे अपनी दुकानें यथास्थान लगाते रह सकते हैं। इसी भरोसे के तहत वर्षों से व्यवसाय चल रहा था, लेकिन अब बिना किसी सूचना के दुकानें हटाई जा रही हैं।
रोज़गार का एकमात्र सहारा छीना जा रहा है
एक दुकानदार ने दुख व्यक्त करते हुए कहा, हमारा पूरा परिवार इसी दुकान के भरोसे चलता है। बच्चों की पढ़ाई, घर का खर्च सब इसी आय से चलता है। अचानक हटाए जाने से हम सड़क पर आ गए हैं। ना तो कोई नोटिस मिला, ना ही कोई वैकल्पिक व्यवस्था।
प्रशासन से लगाई मदद की गुहार
दुकानदारों ने जिला प्रशासन से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने और उन्हें व्यवसाय के लिए कोई उचित स्थान प्रदान करने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि जल्दी कोई समाधान नहीं निकाला गया, तो वे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
स्थानीय जनता भी दुकानदारों के साथ
स्थानीय निवासियों ने भी दुकानदारों के पक्ष में आवाज़ उठाई है। उनका कहना है कि ये दुकानें वर्षों से हैं और इनसे उन्हें ताज़ा मीट और मुर्गा आसानी से मिल जाता है। अचानक हटाए जाने से आम जनता को भी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।