इस अक्षय तृतीया एक भी बाल विवाह नहीं! चंदौली के धर्मगुरुओं ने संभाला मोर्चा

बाल विवाह रोकथाम में मिली ऐतिहासिक सफलता, मंदिर-मस्जिदों पर लगे पोस्टर: "यहां बाल विवाह नहीं होता"
रिपोर्ट: ओ पी श्रीवास्तव
चंदौली, उत्तर प्रदेश।
चंदौली: खबर जनपद चंदौली से है जहां जहां एक ओर अक्षय तृतीया को विवाह के शुभ मुहूर्त के रूप में देखा जाता है, वहीं इस साल चंदौली जिले में यह पर्व बाल विवाह के खिलाफ ऐतिहासिक संदेश लेकर आया। जिले में बाल अधिकारों के लिए काम करने वाले संगठन ग्राम स्वराज समिति ने विभिन्न धर्मों के पुरोहितों, मौलवियों और पादरियों को साथ लेकर बाल विवाह के विरुद्ध एक सशक्त अभियान चलाया, जिसे अद्वितीय सफलता मिली।
" बिना पुरोहित, बाल विवाह संभव नहीं"—
इसी सोच के साथ संगठन ने विवाह संपन्न कराने वाले धर्मगुरुओं को इस अभियान का केंद्र बिंदु बनाया। जागरूकता कार्यक्रमों, संवाद बैठकों और कानून की जानकारी से लैस इन प्रयासों के फलस्वरूप, जिले के मंदिरों, मस्जिदों और अन्य धार्मिक स्थलों पर अब स्पष्ट बोर्ड लगे हैं— "यहां बाल विवाह की अनुमति नहीं है"।
ग्राम स्वराज समिति के निदेशक महेशानंद भाई ने बताया, अगर विवाह कराने वाले ही बाल विवाह से इनकार कर दें, तो यह सामाजिक बुराई जड़ से खत्म हो सकती है। इस बार अक्षय तृतीया पर हमें उम्मीद है कि चंदौली में एक भी बाल विवाह नहीं होगा।उन्होंने बताया कि 2023-24 में जिले में 300 बाल विवाह आपसी सहमति से रोके गए, जबकि 7 बाल विवाहों को कानूनी हस्तक्षेप से रोका गया। यह सब संभव हुआ स्थानीय प्रशासन और समुदायों के साथ समन्वय से।
यह अभियान जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (JRC) के चाइल्ड मैरिज फ्री इंडिया मिशन का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य 2030 तक भारत को बाल विवाह मुक्त बनाना है। JRC अब तक देशभर में दो लाख से अधिक बाल विवाह रुकवा चुका है और पांच करोड़ से अधिक लोगों को शपथ दिला चुका है।महेशानंद भाई ने बाल विवाह से जुड़े कानूनों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बाल विवाह निषेध अधिनियम (PCMA), 2006 और पॉक्सो एक्ट के तहत बाल विवाह कराने या उसमें किसी भी रूप में सहयोग देने पर दो साल की सजा व जुर्माना हो सकता है। इसमें विवाह कराने वाले पुरोहित, बाराती, केटरर, हलवाई, मैरिज हॉल संचालक सभी शामिल हैं।
धर्मगुरुओं द्वारा मिला यह अभूतपूर्व सहयोग न सिर्फ कानून की जीत है, बल्कि यह सामाजिक चेतना के एक नए युग की शुरुआत भी है।जब धर्मगुरु साथ आ जाएं, तो सामाजिक बदलाव कोई असंभव कार्य नहीं रहता,महेशानंद भाई ने विश्वास पूर्वक कहा। बता दें कि ग्राम स्वराज समिति ने इस अभियान को सफल बनाने के उद्देश्य से जिला मुख्यालय स्थित एक लॉन में बैठक आयोजित कर मन्तव्यों पर मीडिया के समक्ष प्रकाश डाला। इस दौरान जिला समन्वयक सौरभ सिंह, जिला संयोजक जुनैद खान, कम्युनिटी सोशल वर्कर अंजू पांडेय समेत अन्य लोग उपस्थित रहे।