प्राइवेट पार्ट को काटा, गैंगरेप के बाद बेरहमी से कर दी हत्या; 17 साल बाद कोर्ट ने छह को सुनाई उम्रकैद की सजा
बरेली। युवती से सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या करने वाले छह आरोपितों को स्पेशल जज दलित उत्पीड़न राकेश त्रिपाठी ने दोषी माना है। सभी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही कुल 3.90 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। घटना वर्ष 2008 में क्योलड़िया थाना क्षेत्र की है।
युवती के पिता ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि उनकी बेटी के साथ निरंजन लाल व भगवान दास ने छेड़छाड़ की थी। जब बेटी ने पूरी कहानी घर पर आकर बताई तो उन्होंने क्योलड़िया थाने में प्राथमिकी लिखाई थी। पुलिस ने दोनों को जेल भेज दिया था। आरोप हैकि पांच नवंबर, 2008 की शाम चार बजे उनकी बेटी शौच के लिए खेत पर गई थी। मगर वह वापस नहीं आई।
नहीं मिला था कोई सुराग
काफी देर तक तलाशा गया मगर उसका कोई सुराग नहीं मिला। अगले दिन उनकी बेटी का शव निरंजन लाल के गन्ने के खेत में मिला था। बेटी अर्धनग्न अवस्था में थी। इसके बाद पिता ने फिर से एक और प्राथमिकी रामेश्वर दयाल, पप्पू उर्फ एडवोकेट, बादल उर्फ अब्दुल, कुंवरसेन, निरंजन लाल व भगवान दास के विरुद्ध दर्ज कराई।
आरोप लगाया कि उनकी बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और फिर हत्या कर दी। चूंकि वह अनुसूचित जाति से है इसलिए प्राथमिकी में वह धारा भी बढ़ाई गई। कोर्ट में विशेष लोक अभियोजक स्वतंत्र पाठक ने 11 गवाह पेश किए, जिसमें सिद्ध हो गया कि आरोपितों ने युवती संग खेत में सामूहिक दुष्कर्म किया और साक्ष्य मिटाने के लिए उसकी गला दबाकर हत्या कर दी गई।
नाजुक अंगों को बुरी तरह नोंचा
दोषियों ने युवती के नाजुक अंगों को भी बुरी तरह से नोंच दिया था। पुष्टि होने के बाद कोर्ट ने सभी छह आरोपितों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही कोर्ट ने उन सभी पर 3.90 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट के इस फैसले से पीड़ित परिजन संतुष्ट हैं।