काशी तमिल संगमम 3.0 की शुरूआत : नमो घाट पर शुरू हुआ कार्यक्रम, सीएम योगी ने की अध्यक्षता, बोले वडक्कम

नमो घाट पर काशी तमिल संगमम 3.0 की शुरूआत हुई। इस दौरान एक भारत श्रेष्ठ भारत की तस्वीर दिखाई दी। मंच पर सीएम योगी के साथ केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय के मंत्री डाक्टर एल. मुरुगन ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
बता दें कि महाकुंभ के बीच में और अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद काशी में ये आयोजन हो रहा है जिसका संचालन आईआईटी मद्रास और बीएचयू करेंगे। यहां कला संस्कृति व्यंजन और व्यवसाय का अद्भुत संगम दिख रहा है और आगे भी दिखेगा।
मुख्यमंत्री भी पुलिस लाइन से नमो घाट के लिए प्रस्थान कर नमो घाट पहुंचे और कार्यक्रम के उद्घाटन के साथ ही हर-हर महादेव का उद्घोष किया। इसके बाद वणक्कम काशी से मेहमानों का अभिवादन किया।
सीएम योगी ने मंच से कहा कि नम: पार्वती पतये हर हर महादेव, वडक्कम काशी
काशी तमिल संगमम 3.0 की शुरूआत के साथ जब सीएम योगी ने मंच संभाला तो बोले हर हर महादेव और इसके साथ ही कार्यक्रम में आए मेहमानों को बोला वडक्कम। सीएम योगी ने कहा कि पीएम का आभारी हूं उनकी प्रेरणा और मार्गदर्शन में काशी तमिल संगमम के इस कार्यक्रम का यहां पर शुभारंभ हो रहा है। ये एक भारत श्रेष्ठ भारत के विजन को आगे बढ़ाने का भाग है।
इस अवसर पर तमिलनाडू से काशी पधारे सभी महानुभावों का अभिनंदन करता हूं। पहले दो संस्करण पवित्र कार्तिक मास में आयोजित हुए थे लेकिन तृतीय संस्करण इसलिए महत्वपूर्ण हो जाता है कि महाकुंभ प्रयागराज की धरती पर चल रहा है। तमिनाडू से आए लोगों को काशी के साथ महाकुंभ में डुबकी लगाने का और रामलला के दरबार में दर्शन का सौभाग्य मिलने वाला है।
बोले 51 करोड़ भक्तों ने महाकुंभ में डुबकी लगाकर भारत की एकता को जोड़ने का काम किया है। जहां जाति क्षेत्र का भेद नहीं एक भारत श्रेष्ठ भारत को दिखा रहा है। ये अब तक का सबसे बड़ा आयोजन है। इस बार महाकुंभ के आयोजन के साथ काशी तमिल संगमम के साथ जुड़ने का अनुभव प्राप्त कर रहा है।
इस बार की थीम चार एस पर आधारित है। हमारा साइंटिस्ट सोशल रिफार्मर हमाराछात्र और महर्षि अगस्त्य को ध्यान में रखकर ये कार्यक्रम आगे बढ़ाने का काम चल रहा है। महर्षि अगस्त्य उत्तर और दक्षिण भारत को जोड़ने वाले ऋषि है। संस्कृत और तमिल को आपस में जोड़ने का सशक्त माध्यम रहे हैं।
भगवान राम को माता सीता के खोज के लिए प्रेरणा प्रदान करने और राम रावण युद्ध में मंत्र देने का काम किया है। अनेक ऐसे उद्धरण है जो आज एक नई प्रेरणा प्रदान कर रहे हैं। जो अलग- अलग क्षेत्र से जुड़े महानुभाव इस कार्यक्रम के साथ बनने जा रहे हैं उन्हें काशी दर्शन प्रयाग में डुबकी के साथ रामलला का दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त होगा।
इसमें संत शिल्पकार व्यवसाय से जुड़े हुए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई उंचाई प्रदान करने वाले इस कार्यक्रम का अभिन्न हिस्सा बनने वाले हैं। यह कार्यक्रम विभिन्न दिशाओं में पीएम की सोच उत्तर से दक्षिण से जोड़ने पूरब को पश्चिम से जोड़ने बाबा विश्वनाथ को रामेश्वरम को जोड़कर एक भारत श्रेष्ठ भारत की सोच पर ये कार्यक्रम होने जा रहा है।
बोले संस्कृत के साथ तमिल व्याकरण को महर्षि अगस्त्य ने आगे बढ़ाया। पीएम जिसे एक भारत श्रेष्ठ भारत कहते हैं। ऐसे कार्यक्रम से जुड़ने के लिए सबका स्वागत है। हजारों वर्षों की परंपरा थी इसे नई उंचाई तक ले जाना है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान मंच से बोले राष्ट्रीय हित ही हमारा हित
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंच से कहा कि मुख्य अतिथि योगी आदित्यनाथ इसके अलावा भारत सरकार के सूचना प्रसारण के मंत्री एन मुर्गन जी भारत सरकार के शिक्षा सचिव और कार्यक्रम में मौजूद लोगों का स्वागत किया और कहा कि कार्यक्रम में आए मुख्य अतिथियों का स्वागत करता हूं। प्रयागराज का महाकुंभ हम सभी के जीवन में सौभाग्य लेकर आया है।
पीएम ने सीएम और मुझे दायित्व दिया है जो भी संगमम होगा उसके अतिथियों को कुंभ क्षेत्र में रहने और दर्शन कराने का जिम्मा दिया है। काशी तमिल संगमम का तीसरा संस्करण भी बाबा विश्वनाथ का दर्शन महाकुंभ के साथ अयोध्या में राम लला प्राण प्रतिष्ठा के बाद आयोजित किया जा रहा है। तीन पवित्र स्थान पर दर्शन करने का सौभाग्य आपको मिलेगा।
इस बार के महाकुंभ ने समस्त सनातनियों के लिए जागृति लाई है। अब तक देश के चालीस प्रतिशत लोगों को महाकुंभ के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। विशेषकर समाज का सामान्य वर्ग और युवा वर्ग महाकुंभ दर्शन का संकल्प किया है ऐसा प्रतीत होता है। इस भव्य आयोजन के लिए यूपी के लोकप्रिय मुख्यमंत्री को आभार प्रकट करता हूं।
तमिलनाडू के पांड्या कहते हैं कि भारत की पवित्र भूमि काशी के समान पवित्र है। इससे एक भारत श्रेष्ठ भारत का प्रमाण कुछ नहीं हो सकता। इस बार जो दल यहां पहुंचा है उनका काशीवासियों ने स्वागत किया वो तमिनाडु के शिक्षक युवा हैं। एक ग्रुप में किसना आएंगे एक ग्रुप में महिलाए आएंगी और एक ग्रुप में स्टार्टअप का काम करने वाले सभी रिसर्चर आएंगे।
इस पांच ग्रुप के अलावा भारत में जितने भी सेंट्रल यूनिवर्सिटी हैं वहां पढ़ने वाले तमिल छात्रों का ग्रुप भी यहां आएगा। दुनियां की सबसे पुरानी भाषा तमिल है और संस्कृत दोनो राष्ट्रीय भाषा है। हमारे वेद पुराणों में मान्यता है एक चेतना अनेक रूप में प्रकट होने वाला सभ्यता इस कार्यक्रम के रूप में आया है।
मित्रों में भारत में ऐसा कोई मंदिर नहीं है जहां काशी विश्वनाथ जी की एक प्रतिमा और प्रतीक नहीं है रामेश्वरम में प्रभु रामनाथ विराजमान है। इस बार काशी तमिल संगमम को ऋषि अगस्त्य को समर्पित है। वो काशी से तमिल जाकर अगस्त्य मुनी की विज्ञान के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का परिचय दिया है।
हमारे तमिल समाज में डाक्टर सर्वपल्ल् राधा कृष्णन डाक्टर एपीजे अब्दुल कलाम महाकवि सुब्रमण्यम के साथ महिला कवियित्रि और संतों को इस पवित्र भूमि से प्रणाम करता हूं। इस बार 2025 के बजट में पहली बार भारत सरकार ने घोषणा किया है जिसमें ऐसा सिस्टम होगा
जिसके द्वारा भारत के सभी ग्रंथों को डिजिटलाइज करके आज के समय में उनकी प्रासंगिकता के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। दूसरा भारतीय भाषा पुस्तक योजना है। इसमें सारी पुस्तकों को 22 भाषाओं में डिजिटलाइज करके रखा जाएगा। प्रधानमंत्री ने आहवान किया है 2027 तक भारत को विकसित बनाना है। राष्ट्रीय हित ही हमारा हित।
काशी आगमन पर मुख्यमंत्री ने किया बाबा विश्वनाथ का दर्शन-पूजन
सीएम योगी काशी तमिल संगमम 3.0 के उद्घाटन कार्यक्रम में पहुंचे थे इस दौरान इन्होंने बाबा विश्वनाथ के दरबार में हाजिरी लगाई और श्रद्धालुओं का अभिवादन किया। मंदिर परिसर में मौजूद बच्चों को दुलारा-पुचकारा, हाथ भी मिलाया और चॉकलेट दिया।
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होने के कारण मुख्यमंत्री ने काल भैरव दर्शन का कार्यक्रम स्थगित कर दिया और हवाई सर्वेक्षण के साथ प्रशासन को निर्देश दिया कि हर श्रद्धालु को पूरी सुविधा मिले और सुरक्षा का नियमित रूप से विशेष प्रबंध किया जाए।
मुख्यमंत्री काशी तमिल संगमम कार्यक्रम से पहले नमो घाट से विवेकानंद क्रूज पर सवार होकर गंगा द्वार पहुंचे। वहां से काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचे। सीएम ने यहां घाटों का निरीक्षण भी किया। दर्शन-पूजन के उपरांत सीएम क्रूज पर सवार हुए और नमो घाट पहुंचकर कार्यक्रम में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन के उपरांत क्रूज पर सवार होकर वापस नमो घाट जा रहे थे। इस दौरान बगल से गुजर रहे नाव-क्रूज पर सवार और घाट पर खड़े लोगों ने मुख्यमंत्री को देखकर जयश्रीराम के जयकारे लगाए। मुख्यमंत्री को देख अभिभूत युवाओं ने केसरिया गमछा भी लहराया और मोबाइल से उनकी तस्वीर भी खींची।
मुख्यमंत्री ने किया हवाई सर्वे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी का हवाई सर्वे भी किया। यहां की भीड़ को देखते हुए उन्होंने प्रशासन को श्रद्धालुओं की सुरक्षा, सुविधा का निर्देश दिया। गौरतलब है कि प्रयागराज स्नान के उपरांत काशी में भी प्रतिदिन कई लाख श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।इस मौके पर मंत्री रविंद्र जायसवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या, विधायक नीलकंठ तिवारी, अवधेश सिंह, विधान परिषद सदस्य हंसराज विश्वकर्मा आदि मौजूद रहे।