रायसेन: मखनी गांव के सात परिवारों को वक्फ बोर्ड की प्रबंध समिति का नोटिस- '7 दिन में खाली करें जमीन'

मध्य प्रदेश के रायसेन में सात परिवारों को सात दिन में जमीन खाली करने का अल्टीमेटम मिला है। इसके बाद से पूरे गांव में तनाव का माहौल है। वक्फ बोर्ड की प्रबंध समिति ने रायसेन जिले के मखनी गांव के सात परिवारों को 7 दिन में जमीन खाली करने का नोटिस दिया है। वक्फ बोर्ड की प्रबंध समिति का दावा है कि जमीन उनकी संपत्ति है, सीमांकन से लेकर सरकारी दस्तावेजों में जमीन उनके नाम है। वहीं, जिन परिवारों को नोटिस मिला है, उनका दावा है कि वह वर्षों से इसी जमीन पर रह रहे हैं और मुस्लिम समाज ने झूठे कागज बनाए हैं।
हिंदू समाज के लोगों का कहना है कि मर जाएंगे, लेकिन घर नहीं छोड़ेंगे। हिंदू समाज के लोगों ने कहा कि जिस जमीन को मुस्लिम समाज अपना बता रहा, वह सदियों से उनकी है। इसमें हजारों साल पुराना बना हरदौल का मंदिर भी हिंदू समाज का है। प्रशासन की तरफ से कहा गया कि मामला संज्ञान में आया है और वक्फ बोर्ड से बात की जाएगी। फिलहाल जिन लोगों को नोटिस मिला है, उन्हें विधिवत जवाब देना चाहिए।
हिंदू पक्ष का दावा
कब्रिस्तान मौजा मखनी तहसील के अध्यक्ष आफताब हुसैन ने वकील की मदद से नोटिस भेजा है। जिन लोगों को नोटिस मिले हैं उन्होंने बताया "मुसलमान समाज झूठ बोल रहा है। नकली कागज बनवा रहे हैं। हम लोग यहां पर बरसों से रह रहे हैं। (मंदिर भी दिखाया) यह मंदिर देखे हैं, सदियों पुराना है, यहां पर यह मुसलमान अभी आए हैं, पहले नहीं थे। एक के बाद एक सरकारी जमीन कब्जा करके बेच रहे हैं।
नोटिस में क्या लिखा?
नोटिस में लिखा है "खसरा नंबर 178 रकबा 0.5430 हेक्टर, यह जमीन रजिस्ट्रार रजिस्ट्रेशन के सीरियल क्रमांक 533/437 पर वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज है, लेकिन आप लोगों ने लगभग 10 सालों से इस वक्फ भूमि पर मकान बनाकर अवैध रूप से बलपूर्वक अतिक्रमण किया है। आप नोटिस प्राप्ति के सात दिन के अंदर वक्फिय मकान का रिक्त आधिपत्य वक्फ को सौंप दे अन्यथा पक्षकार सक्षम न्यायालय में कार्रवाई करने के लिए बाध्य होगा।"
पूरे गांव में सिर्फ एक मुस्लिम परिवार
इंडिया टीवी से बात करते हुए प्रभु लाल लोधी, वीर सिंह लोधी, रामकली लोधी, रानू मालवीय का कहना है प्रबंध समिति के लोगों ने दस्तावेज फर्जी बनाए हैं। वह शुरू से इसी जगह पर रहते आए हैं। इसी जमीन पर सदियों पुराना मंदिर भी है, जबकि जिस जगह को प्रबंध समिति के लोग कब्रिस्तान बता रहे हैं, वहां पर कहीं भी कब्र नहीं है। मुस्लिम समाज का यहां पर सिर्फ एक घर है वह भी कुछ सालों पहले ही यहां पर आकर बसे हैं।
हुसैन परिवार ने दिखाए कागज
रायसेन जिला मुख्यालय से 8 किलोमीटर दूर गांव मखनी में तकरीबन 350 परिवार हैं। 1700 की आबादी वाले इस गांव में 850 वोट हैं और सिर्फ एक मुस्लिम परिवार जिसमें 20 सदस्य हैं, यहां रहते हैं। वक्फ बोर्ड छोटे कब्रिस्तान वाले इलाकों में पांच लोगों की एक प्रबंध समिति बनता है, जिसके पास कब्रिस्तान की देखने का अधिकार रहता है। गांव मखनी गांव में बनी प्रबंध समिति के अध्यक्ष आफताब हुसैन ने अपने वकील के जरिए गांव के ही साथ परिवारों को यह नोटिस भिजवाया है। इंडिया टीवी से बात करते हुए आफताब हुसैन के पिता अनवर हुसैन और भाई अंसार हुसैन ने खसरा क्रमांक 178 खसरा क्रमांक 179 के वक्फ बोर्ड के होने के दस्तावेज दिखाते हुए हाल ही में तहसीलदार की सीमांकन रिपोर्ट भी दिखाई।
मुस्लिम परिवार का दावा-100 साल से यहां रहते हैं
अनवर हुसैन के मुताबिक समाज गलत बता रहा है कि वह महज कुछ सालों पहले आए हैं। गांव मखनी में 100 साल से ज्यादा समय से 3 से 4 मुस्लिम परिवार रहते थे बाकी यहां से चले गए, लेकिन उनका परिवार अभी यहां बरसों से मौजूद है। यह जमीन पूरी तरीके से वक्फ की संपत्ति है। अनवर हुसैन के मुताबिक उनके पास गांव वासियों का एक पंचनामा भी है, जिसमें ग्राम वासियों ने जमीन को वर्कफोर्ड की जमीन बताते हुए मौजूदा कब्जाधारियों के द्वारा इस पर मकान बनाने की बात कही है।
जिला कलेक्टर का जवाब
मामले के सामने आने पर रायसेन कलेक्टर अरुण कुमार विश्वकर्मा ने कहा वक्फ बोर्ड से अगर किसी प्रकार का कोई नोटिस जारी हुआ है तो उस नोटिस में उनके द्वारा क्या लिखा गया इस बारे में पूरी डिटेल जानकारी हमारे पास नहीं है। क्योंकि मीडिया द्वारा यह मामला संज्ञान में लाया गया है, एक बार हम वक्फ बोर्ड से बातचीत करके पूरा मामला समझने की कोशिश करेंगे। दूसरा जिनको नोटिस जारी हुआ है, उनको अपना पक्ष अच्छे ढंग से सही जगह पर रखना चाहिए। जो नीतिगत रूप से सही निर्णय होगा वह हम लेंगे।