यूपी-बिहार में हुई थी वक्फ संपत्तियों की जांच, AMU के सर्वे में हुआ था चौंकाने वाला ये खुलासा

अलीगढ़। बरेली के आंवला के पक्का कटरा में वक्फ नंबर 610444 में संपत्ति के रूप में एक मकान दर्ज है, लेकिन मौके पर 21 दुकान, दो मकान और एक मस्जिद मिली। वर्तमान में भी यही स्थिति है। हाथरस के सिकंदराराऊ में वक्फ की एक जमीन तहसील में निजी में दर्ज है। यह तो सिर्फ बानगी है। वक्फ की संपत्तियों का पूरे प्रदेश में ऐसा ही हाल है।
वक्फ विधेयक संसद के दोनों सदनों से पारित होने के बाद अब उत्तर प्रदेश की ऐसी हजारों वक्फ संपत्तियों की मुक्ति की आस जगी है जो तीन साल पहले कराए गए सर्वे में चिह्नित हो चुकी हैं।
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय की पहल पर यह सर्वे 27 जिलों की 87,735 संपत्तियों का हुआ था और इसकी रिपोर्ट भारतीय वक्फ प्रबंधन प्रणाली (वामसी) पोर्टल पर फोटो सहित अपलोड है लेकिन दो वर्ष पहले भेजी गई इस रिपोर्ट का उप्र वक्फ बोर्ड (सुन्नी/शिया) ने सत्यापन नहीं कराया है। विरोध के बाद सर्वे भी रोक दिया गया था। केंद्र सरकार भी इस पर नाराजगी जता चुकी है। इस सर्वे में हजारों वक्फ संपत्तियां ऐसी पाई गई थीं दर्ज तो मस्जिद, दरगाह और कब्रिस्तान के रूप में हैं लेकिन कहीं दुकान तो कहीं मकान बना लिए गए हैं।
केंद्र को भेजी जाएगी फाइन रिपोर्ट
प्रोजेक्ट कोआर्डिनेटर प्रो. खुर्शीद अहमद ने बताया कि वक्फ की संपत्तियों का प्रदेश में बुरा हाल है। प्रदेश वक्फ बोर्ड ने सर्वे को अभी तक सत्यापित नहीं किया है। यह होने के बाद ही केंद्र सरकार को फाइनल रिपोर्ट दी जाएगी। इसके लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिख चुके हैं। केंद्र सरकार ने बिल पेश करने से पहले ही अलग-अलग एजेंसियों से देशभर में सर्वे कराया था।
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय ने बिहार, उत्तराखंड, दिल्ली व उत्तर प्रदेश में सर्वे के लिए एएमयू इंटरडिसिप्लिनरी डिपार्टमेंट आफ रिमोट सेंसिंग को नोडल एजेंसी बनाया था। जिसके लिए 85 से अधिक सर्वेयर की टीम लगाई गईं। इसमें आइआइटी कानपुर व जामिया मिलिया विश्वविद्यालय की टीम ने सहयोग किया।
अलीगढ़ के अलावा आजमगढ़, हरदोई, जौनपुर, बाराबंकी, बरेली, बस्ती, बिजनौर, गोंडा, खीरी, मुजफ्फरनगर, रामपुर, शाहजहांपुर, कानपुर देहात, सीतापुर, वाराणसी, प्रयागराज, फर्रुखाबाद, मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, आगरा, बुलंदशहर, लखनऊ, मथुरा व पीलीभीत में सर्वे 2022 तक चला। टीम ने उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार और उत्तराखंड में वक्फ की संपत्तियों का भी सर्वे किया था।
सर्वेयर को मौलाना ने धमकाया
रामपुर में सर्वेयर अजेंद्र और जिकर उल्ला को एक मौलाना ने पकड़ लिया था। धमकी भी दी। महिलाएं भी विरोध में आ जाती थीं। सर्वेयर राहिल अली को तो एक घंटे बिठाए रखा। मथुरा में भी टीम को बंधक बना लिया। डीएम के हस्तक्षेप पर छोड़ा गया था।