अंसल के मुद्दे पर CM योगी ने सपा को घेरा, कहा- धोखाधड़ी करने वालों को पाताल से भी खोज निकालेंगे

लखनऊ। ‘हाईटेक’ सिटी बसाने के नाम पर हजारों खरीदारों से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने वाले मेसर्स अंसल प्रापर्टी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर (अंसल एपीआइ) का मामला मंगलवार को विधानसभा में भी गूंजा। एक दिन पहले सोमवार को अफसरों को अंसल के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर कड़ी कार्रवाई निर्देशों के बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन में समाजवादी पार्टी पर भी हमला बोला।
उन्होंने सपा सदस्यों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि अंसल तो आपकी ही सरकार की उपज है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सबको इस बात के लिए भी आश्वस्त करूंगा कि अगर किसी को गलतफहमी होगी कि गरीब का पैसा लेकर वह कहीं भाग जाएगा, तो हम उसे पाताल से भी निकालकर लाएंगे और सजा दिलाएंगे। हम गारंटी देंगे कि सबको पैसा वापस मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सपा सरकार के समय अंसल की सभी असंवैधानिक मांगों को पूरा कर निवेशकों और खरीदारों के साथ धोखा किया गया। हमारी सरकार ने कभी अंसल को महत्व नहीं दिया। आपकी सरकार ने उसकी लिमिट को बढ़ाया, जबकि हमने उसे घटाने का कार्य किया और अब शिकंजा कसते हुए आज उसको इस स्थिति में पहुंचा देंगे है कि अगर अंसल ने किसी खरीदार के साथ धोखा किया तो उसकी सारी प्रापर्टी जब्त कर लेंगे। किसी भी खरीदार के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे।
उधर, मुख्यमंत्री के सख्त तेवरों के बाद मंगलवा को लखनऊ विकास प्राधिकरण से लेकर प्रशासन तक में हलचल मची रही। अफसर अंसल से संबंधित दस्तावेजों को खंगालने में जुटे रहे। अंसल की खामियां खंगालने के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण संपत्तियों का जल्द ही सर्वे शुरू करेगा। फैसिलिटी की भूमि खरीदने से लेकर खरीदारों से भुगतान लेकर भूखंड न देने तक की बिंदुवार निगरानी होगी, क्योंकि अभी संपत्ति में गड़बड़ियों की शिकायतें हैं वह सही मिलने पर दस्तावेज का आकार लेंगी।
सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर ही अंसल के विरुद्ध लखनऊ विकास प्राधिकरण एफआइआर दर्ज कराएगा। अंसल की संपत्ति 4,690 एकड़ में है, जिसमें शिकायतों की भरमार है। एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि अंसल प्रापर्टी का सर्वे सिर्फ एफआइआर में कारगर नहीं होगा, बल्कि राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण (एनसीएलटी) के निर्णय के विरुद्ध अपील दाखिल करने में मदद मिलेगी, अधिकरण में सारी बातें तथ्यों के साथ रखी जाएंगी।
अंसल एपीआइ को लखनऊ में सुलतानपुर रोड स्थित अंसल हाईटेक सिटी के लिए वर्ष 2005 में तत्कालीन समाजवादी पार्टी की सरकार ने लाइसेंस जारी किया था। अफसरों की दरियादिली का फायदा उठाकर अंसल ने मनमाने तरीके से जमीनों का आवंटन किया और सरकारी जमीनें तक बेच डालीं।