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उत्तर प्रदेश

यूपी में LIU दारोगा की हत्या का प्रयास, पुलिस को खनन माफिया के खिलाफ मुकदमा लिखने में लगे 44 घंटे

यूपी में LIU दारोगा की हत्या का प्रयास, पुलिस को खनन माफिया के खिलाफ मुकदमा लिखने में लगे 44 घंटे
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कानपुर। नवाबगंज स्थित केडीए सिग्नेचर ग्रींस अपार्टमेंट के परिसर में गुरुवार देर रात कार सवार दबंग युवकों ने एलआइयू में तैनात दारोगा पर जानलेवा हमला कर दिया। आरोपितों ने दारोगा होने की बात जानने के बाद उनका गला तक दबाने का प्रयास किया, लेकिन अपार्टमेंट के लोगों के पहुंचने पर सभी भाग निकले।

कानून व्यवस्था की सख्ती का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि दारोगा को आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने में 44 घंटे लग गए। यही नहीं इन 44 घंटों में दारोगा ने प्रताड़ना और दबाव का जो दंश झेला, वह अलग से। बाद में जब मामला पुलिस आयुक्त तक पहुंचा तो उनके आदेश पर चार नामजद व आठ-दस अन्य के खिलाफ नवाबगंज थाने में मुकदमा दर्ज हुआ।

एलआइयू में दारोगा है पीड़ित

केडीए सिग्नेचर ग्रींस अपार्टमेंट निवासी गौरव अत्री ने बताया कि वह एलआइयू में सब इंस्पेक्टर (दारोगा) हैं। शुक्रवार देर रात वह अपने रिश्तेदार सुधीर सिंह के साथ कार से कृष्णापुरम से अपने घर पहुंचे थे। रिश्तेदार से बातचीत करने के दौरान ही पीछे फार्च्युनर कार आ गई। उसमें चार-पांच युवक बैठे थे। सभी गाली-गलौज कर शोर मचा गाड़ी हटाने की बात कहने लगे।


गाली देने का विरोध करने पर वे लोग भड़क गए और किसी को फोन किया तो दूसरी कार में सवार भी पांच-छह लोग आ गए। सभी ने मिलकर उन्हें बेरहमी से पीटा और असलहे की बट से नाक पर हमला कर लहूलुहान कर दिया। यह जानने के बाद कि वह दारोगा है, उसे और मारापीटा गया। सूचना पर पुलिस पहुंची तो दोनों पक्षों को थाने ले जाया गया।

थाने में दारोगा पर बनाया गया दबाव

दारोगा का कहना है कि थाने में उस पर दबाव डाला गया कि आरोपितों से समझौता कर लो। जब वह नहीं माना तो दबाव में लेने के लिए उसका मेडिकल भी करा डाला कि वह शराब पिए हुए है। जब मुकदमा दर्ज नहीं हुआ तो वह पुलिस आयुक्त अखिल कुमार और अपर पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था हरीश चंदर के सामने पेश हुआ, तब जाकर मुकदमा हुआ।

तहरीर के हिसाब से पुलिस ने सुधीर सिंह, शोभित दीक्षित, आर्यन श्रीवास्तव, अनुराग तिवारी, प्रखर को हत्या के प्रयास और मारपीट की धाराओं में आरोपित बनाया गया है।

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