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महाराष्ट्र: बीड के बर्खास्त SI को लेकर जांच तेज, EVM से छेड़छाड़ और फर्जी एनकाउंटर को लेकर किया था सनसनीखेज दावा

महाराष्ट्र: बीड के बर्खास्त SI को लेकर जांच तेज, EVM से छेड़छाड़ और फर्जी एनकाउंटर को लेकर किया था सनसनीखेज दावा
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महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों एक निलंबित पुलिस अधिकारी रणजीत कासले के बयानों ने भूचाल ला दिया है. बीड जिले के बर्खास्त सब इंस्पेक्टर रणजीत कासले ने न सिर्फ परली विधानसभा चुनाव में ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप लगाया, बल्कि उन्होंने फर्जी एनकाउंटर को लेकर भी सनसनीखेज दावा किया है. लेकिन अब कासले खुद कानूनी घेरे में आ गए हैं. कासले ने चुनाव आयोग पर भी धांधली का आरोप लगाया था, जिसके बाद 19 अप्रैल को चुनाव आयोग ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए पुलिस थाने में केस दर्ज करवाया और स्वयं अंतरिम जांच भी शुरू कर दी.

बर्खास्त पुलिस उपनिरीक्षक रंजीत कासले ने दावा किया कि उन्हें 10 लाख रुपये की पेशकश की गई थी ताकि वे ईवीएम में कथित छेड़छाड़ पर चुप रहें. कासले ने यहां तक कहा था कि यह रकम 21 नवंबर 2024 को उनके बैंक खाते में जमा की गई थी. इस बयान के बाद चुनाव विभाग हरकत में आया था और नायब तहसीलदार अण्णा वंजारे की शिकायत पर संभाजीनगर पुलिस थाने में कासले के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. आरोप है कि उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग और शासन के खिलाफ निराधार बयानबाजी की और आम जनता को भ्रमित करने की कोशिश की. इस मामले की जांच अब पुलिस और चुनाव आयोग ने तेज कर दी है.

बीड के जिला निर्वाचन अधिकारी ने क्या कहा?

वहीं, बीड के जिला निर्वाचन अधिकारी अविनाश पाठक ने स्पष्ट किया कि रंजीत कासले की चुनावी ड्यूटी पर कोई नियुक्ति नहीं हुई थी और वे उस दौरान बीड़ साइबर पुलिस स्टेशन में पदस्थ थे. उन्होंने यह भी बताया कि सोशल मीडिया पर फैलाए गए आरोप आधारहीन और चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता को बदनाम करने की साजिश हैं. इतना ही नहीं, कासले पर ठेकेदार से 10 लाख रुपये उधार लेने और अब तक ढाई लाख रुपये न लौटाने का आरोप भी लगा है.

जिस पैसे को रणजीत कासले चुनाव में धांधली करने को लेकर देने की बात कर रहे हैं, उस 10 लाख देने वाले अंबाजोगाई के ठेकेदार सुदर्शन काले ने खुद पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है. काले ने पुलिस अधीक्षक से शिकायत करते हुए बताया कि उन्होंने यह रकम कासले को उधार दी थी, जो उन्होंने चुनाव के दौरान ईवीएम से दूर रहने की एवज में लेने का दावा किया था. अभी तक ढाई लाख रुपये नहीं लौटाए गए हैं.

कासले ने किया है सनसनीखेज दावा

कासले ने फर्जी एनकाउंटर को लेकर जो सनसनीखेज दावा किया है. इससे प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया है. रणजीत कासले ने दावा किया कि केंद्र से इशारा मिलने पर मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और गृह सचिवों की बंद कमरे में बैठक होती है और इसके बाद स्थानीय अधिकारियों के जरिए फर्जी एनकाउंटर अंजाम दिए जाते हैं.

उन्होंने कहा कि मुझे भी एक ऐसा ऑफर मिला था, जिसमें कहा गया कि 24 घंटे एक संदिग्ध के पीछे रिवॉल्वर लेकर रहिए और अगर आपको कुछ गलत लगे तो कार्रवाई कर दीजिए. बदले में 50 करोड़ रुपये तक का लालच दिया गया और आश्वासन भी कि अगर कोई जांच हुई तो सरकार आपको निर्दोष घोषित कर देगी.

रणजीत कासले के इन आरोपों ने राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में खलबली जरूर मचाई है, लेकिन चुनाव आयोग और जिला प्रशासन ने उनके दावों को पूरी तरह खारिज करते हुए इन्हें निराधार बताया है.

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