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उत्तर प्रदेश

12 साल चली रिसर्च में खुलासा- गंगा जी में मिलता है ये तत्व, इसलिए खराब नहीं होता जल

12 साल चली रिसर्च में खुलासा- गंगा जी में मिलता है ये तत्व, इसलिए खराब नहीं होता जल
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कई सालों से बहती आ रही गंगा नदी भारतीयों के लिए जितनी जीवनदायिनी है, उतना ही इस नदी का धार्मिक महत्व भी है. गंगा नदी का जिक्र कई धार्मिक ग्रंथों में मिलता है. गंगा जल हिंदुओं के लिए बहुत पवित्र है. गंगा का पानी कभी खराब नहीं होता, लेकिन सवाल ये है कि हर साल लाखों श्रद्धालुओं के गंगा में स्नान करने के बावजूद भी गंगा का पानी साफ कैसे रहता है?

हिमालय से निकलने वाली गंगा नदी हिंदुओं के लिए पूजा का स्थान है. गंगा के पानी को कई महीनों तक स्टोर कर रखा जा सकता है. वह खराब नहीं होता. इतना ही नहीं, धार्मिक त्योहारों के दौरान हर साल लाखों श्रद्धालु स्नान करते हैं, फिर भी इससे कोई महामारी या बीमारी नहीं फैलती. गंगा अपने अंदर मौजूद तीन तत्व की वजह से साफ रहती है.

खुद को साफ रखने का गुण

‘राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी एवं अनुसंधान संस्थान’ (national institute of environmental engineering and research) के वैज्ञानिकों ने गंगा के ऊपर रिसर्च किया. इसमें सामने आया कि गंगा के पानी में खुद को साफ रखने का गुण है. गंगा के पानी में भारी मात्रा में ‘बैक्टीरियोफेज’ मौजूद होता है, जो गंगा जल को प्रदूषित होने से बचाता है. यह रिसर्च केंद्र सरकार के ‘स्वच्छ गंगा मिशन’ के तहत NIRI के रिसर्चर डॉ. कृष्ण खैरनार के नेतृत्व में किया गया. इस रिसर्च के लिए गंगा को तीन चरणों में बांटा गया. इनमें पहला गोमुख से हरिद्वार, दूसरा हरिद्वार से पटना और तीसरा पटना से गंगासागर है.

50 अलग-अलग जगहों से सैंपल

NIRI के रिसर्चर डॉ. कृष्ण खैरनार ने जवाब दिया है. रिसर्चर्स ने 50 अलग-अलग जगहों से गंगा का पानी और नदी तल की रेत और मिट्टी के सैंपल लिए. उन्होंने कहा कि हमने पाया कि गंगा नदी में खुद को शुद्ध करने के गुण हैं. रिसर्चर ने पिछले कुंभ मेले के दौरान भी सैंपल इकट्ठा किए थे. हमने गंगा जल में बैक्टीरियोफेज पाए, जो पानी में मौजूद कीटाणुओं को नष्ट करते हैं.

ऑक्सीजन की मात्रा काफी ज्यादा

कृष्णा खैरनार ने आगे कहा कि इसके साथ ही रिसर्च से पता चला है कि गंगा के पानी में ऑक्सीजन की मात्रा काफी ज्यादा है. गंगा जल में ऑक्सीजन का स्तर 20 मिलीग्राम प्रति लीटर तक पाया गया. इसके साथ ही, टेरपिन नामक एक फाइटोकेमिकल भी पाया गया. ये तीन सिद्धांत गंगा के पानी को शुद्ध रखते हैं. खैरनार ने कहा कि गंगा का पानी कभी खराब नहीं होता.

सिर्फ गंगा नदी में ही मौजूद

यही नहीं रिसर्चर ने ये भी पता लगा लिया है कि क्या ये सिद्धांत सिर्फ गंगा नदी में ही मौजूद हैं, जो अपने पानी को शुद्ध करने का गुण रखती है, या फिर और नदियों में भी मौजूद हैं. इसके लिए यमुना और नर्मदा नदियों के पानी पर भी रिसर्च किया गया. हालांकि, यह बात सामने आई कि गंगा जल में मौजूद तत्व इन नदियों के पानी में बहुत कम मात्रा में मौजूद है.

12 साल चली गंगा पर रिसर्च

इस समय उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का आयोजन हो रहा है. महाकुंभ में पहुंचकर लाखों श्रद्धालु रोज गंगा में स्नान कर रहे हैं, लेकिन गंगा का पानी स्नान से पांच किलोमीटर दूर जाकर ही शुद्ध हो जाता है. गंगा नदी में खुद को शुद्ध करने का गुण है. इसलिए गंगा का पानी खराब नहीं होता. इस बात का पता नागपुर के रिसर्चर्स 12 सालों की कड़ी मेहनत और रिसर्च के जरिए लगाया है.

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