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उत्तर प्रदेश

7 दारोगाओं के हाथ-पैर तुड़वाए, गड्ढे में फिंकवाया… मंच से क्या बोले योगी के मंत्री संजय निषाद

7 दारोगाओं के हाथ-पैर तुड़वाए, गड्ढे में फिंकवाया… मंच से क्या बोले योगी के मंत्री संजय निषाद
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उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री और निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में वो सार्वजनिक मंच से बड़ी बात कबूल करते हुए सुनाई दे रहे हैं. मंत्री संजय निषाद ने मंच से कहा, मैंने 7 दारोगाओं के हाथ-पैर तुड़वाए, गड्ढे में फिंकवाया. उन्होंने आगे कहा, मैं यहां ऐसे ही नहीं पहुंचा हूं, सात दारोगा का हाथ-पैर तुड़वाकर और उनको गड्ढे में फेंकवाकर यहां तक पहुंचा हूं.

संजय निषाद सुल्तानपुर पहुंचे. इस दौरान मंत्री ने आरोप लगाया कि उनके समुदाय के कई लोगों को फर्जी केस में फंसाया गया है. उन्होंने पुलिसवालों से यहां तक कहा कि हमारे लड़कों के ऊपर से सारे फर्जी केस हटाओ, नहीं तो आंदोलन होगा, दारोगा सस्पेंड हो जाएंगे, मुख्यमंत्री तक से शिकायत करूंगा. मैं ऐसे ही यहां तक नहीं पहुंचा हूं, कई दारोगाओं का हाथ-पैर तुड़वाकर पहुंचा हूं. अब उनके इसी बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.

संजय निषाद ने क्या-क्या कहा?

मंत्री ने आगे कहा कि जरूरत हुआ तो दारोगा के खिलाफ और कड़ी कार्रवाई करेंगे. दरअसल, मंत्री संजय निषाद 18 मार्च को अपनी निषाद पार्टी की जनाधिकार यात्रा को लेकर सुल्तानपुर पहुंचे थे. जहां उन्होंने प्रतापगढ़-सुल्तानपुर सीमा पर स्थित चांदा इलाके के मदारडीह गांव में एक जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान ही उन्होंने पुलिस को लेकर विवादित बयान दिया था.

होली के दिन हुआ विवाद

दरअसल, होली के दिन 14 मार्च को जिले के दोस्तपुर थाना क्षेत्र के शाहपुर गांव में होली खेलने के दौरान एक दलित और निषाद परिवार में विवाद हो गया था. विवाद इतना ज्यादा बढ़ गया था कि मारपीट तक हुई, जिसमें एक 65 वर्षीय दलित महिला सुनरा देवी को चौट आई और उनकी मौत हो गई थी. पुलिस ने मृतक महिला के परिजनों के कहने पर शाहपुर ग्राम प्रधान कृष्णा कुमार निषाद समेत 5 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया, उनमें से ग्राम प्रधान समेत 4 को गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया गया था.

इस बात की जानकारी जब निषाद पार्टी के मुखिया और कैबिनेट मंत्री संजय निषाद को हुई तो उन्होंने भरे मंच से पुलिस के सीओ और बाकी अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि निषाद समाज के लोगों को इस केस में फर्जी तरीके से फंसाया गया है वो निर्दोष हैं. इसलिए उन्हें छोड़ दिया जाए, नहीं तो उन पर एक्शन होगा.

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