PM मोदी दो दिवसीय दौरे पर मॉरीशस पहुंचे, इन समझौतों पर लगेगी मुहर

पोर्ट लुइस:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मॉरीशस की दो दिवसीय राजकीय यात्रा के लिए मंगलवार, 11 मार्च को पोर्ट लुइस पहुंचे. दौरे पर वह सम्मानित अतिथि के रूप में इस द्वीप राष्ट्र के 57वें राष्ट्रीय दिवस समारोह में शामिल होंगे.
दो दिवसीय मॉरीशस यात्रा के दौरान पीएम मोदी के एजेंडे पर एक नजर
पीएम मोदी अपने मॉरीशस समकक्ष नवीनचंद्र रामगुलाम के निमंत्रण पर द्वीप राष्ट्र का दौरा कर रहे हैं. पीएम नवीनचंद्र ने एयरपोर्ट पर पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया. अपनी यात्रा के दौरान, भारतीय प्रधानमंत्री मॉरीशस के शीर्ष नेतृत्व के साथ बैठकें करेंगे और दोनों देश क्षमता निर्माण, व्यापार और सीमा पार फाइनेंशियल क्राइम से निपटने के क्षेत्रों में सहयोग करने वाले कई समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे.
भारतीय नौसेना के युद्धपोत और भारतीय वायु सेना की आकाश गंगा स्काइडाइविंग टीम के साथ भारत के सशस्त्र बलों की एक टुकड़ी बुधवार, 12 मार्च को मॉरीशस के 57वें राष्ट्रीय दिवस समारोह में भाग लेगी.
मॉरीशस के लिए रवाना होने से पहले, पीएम मोदी ने कहा कि उनकी यात्रा दोनों देशों के बीच संबंधों में एक "नया और उज्ज्वल" अध्याय खोलेगी. प्रधान मंत्री ने कहा कि वह "सभी पहलुओं में हमारी साझेदारी को बढ़ाने, हमारे लोगों की प्रगति और समृद्धि के लिए हमारी स्थायी दोस्ती को मजबूत करने" के लिए मॉरीशस के नेतृत्व के साथ जुड़ने के लिए उत्सुक हैं.
पीएम मोदी ने कहा, "मॉरीशस एक करीबी समुद्री पड़ोसी, हिंद महासागर में एक प्रमुख पार्टनर और अफ्रीकी महाद्वीप का प्रवेश द्वार है. हम इतिहास, भूगोल और संस्कृति से जुड़े हुए हैं...गहरा आपसी विश्वास, लोकतंत्र के मूल्यों में साझा विश्वास और हमारी विविधता का जश्न हमारी ताकत हैं."
अपने दो दिवसीय प्रवास के दौरान, पीएम मोदी मॉरीशस के राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे. प्रधान मंत्री से मिलेंगे. यहां के वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों और राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बैठक करेंगे. पीएम मोदी भारतीय समुदाय के सदस्यों के साथ भी बातचीत करेंगे और भारत के ग्रांट से बने सिविल सेवा कॉलेज और क्षेत्रीय स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन करेंगे.
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान भारतीय नौसेना और मॉरीशस के अधिकारी व्हाइट शिपिंग पर जानकारी के आदान-प्रदान पर एक तकनीकी समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे. दोनों देश क्षमता निर्माण, द्विपक्षीय व्यापार, सीमा पार फाइनेंशियल क्राइम से निपटने और छोटे और मध्यम उद्यमों को बढ़ावा देने के क्षेत्र में कई समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे.
इसके अलावा, भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र और मॉरीशस के प्रधान मंत्री कार्यालय के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया जाएगा. यह समुद्री क्षेत्र प्रबंधन और महासागर अवलोकन-अनुसंधान में सहयोग के लिए एक रूपरेखा बनाने से जुड़ा होगा. साथ ही भारत का प्रवर्तन निदेशालय (ED) और मॉरीशस का वित्तीय अपराध आयोग भी फाइनेंस से जुड़े क्राइम से निपटने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेंगे. इस समझौते का उद्देश्य मनी लॉन्ड्रिंग और उससे जुड़े अपराधों से निपटने के लिए खुफिया और तकनीकी सहायता में सहयोग बढ़ाना है.
पीएम मोदी ने इससे पहले 2015 और 1998 में मॉरीशस का दौरा किया था. मोदी आर्काइव के आधिकारिक अकाउंट ने मोका में अंतर्राष्ट्रीय रामायण सम्मेलन को संबोधित करने के लिए बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव के रूप में उनकी अक्टूबर 1998 की "मिनी इंडिया" यात्रा की एक झलक शेयर की थी. भारतीय प्रधान मंत्री के रूप में अपने 2015 के दौरे के दौरान, पीएम मोदी ने हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सहयोग के भारत के सिद्धांत, SAGAR (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) की घोषणा की थी.
भारत मॉरीशस के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक है. यह एक पूर्व ब्रिटिश और फ्रांसीसी उपनिवेश है, जिसको 1968 में आजादी मिली थी. दोनों देशों के बीच खास रिश्तों का एक प्रमुख कारण यह फैक्ट है कि भारतीय मूल के लोग मॉरीशस की 12 लाख की आबादी का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा हैं.
प्रधानमंत्री की यात्रा से पहले, भारत ने शनिवार को कहा कि वह हिंद महासागर में चागोस द्वीप समूह पर ब्रिटेन के साथ पारस्परिक रूप से लाभकारी समझौते तक पहुंचने के द्वीप राष्ट्र के प्रयासों का समर्थन करता है. मॉरीशस के प्रधानमंत्री रामगुलाम के साथ पीएम मोदी की बातचीत में यह मुद्दा उठने की उम्मीद है. पिछले साल अक्टूबर में, ब्रिटेन ने एक ऐतिहासिक समझौते के तहत आधी सदी से अधिक समय के बाद चागोस द्वीप समूह की संप्रभुता मॉरीशस को सौंपने के अपने फैसले की घोषणा की.