RSS चीफ मोहन भागवत बोले- हिंदुओं की एकजुटता से भारत बनेगा विश्वगुरु

अलीगढ़। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि वर्तमान हालात को देखते हुए हिंदुओं को एकजुट होने की जरूरत है। हिंदुओं की एकजुटता से ही देश फिर से विश्वगुरु बनेगा। देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करना होगा।
अर्थव्यवस्था सुधरी तो अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर हम होंगे। इसी तरह चलते रहे तो विश्व की सबसे बड़ी शक्ति बनेंगे। पांच दिवसीय प्रवास के चौथे दिन रविवार को संघ प्रमुख ने केशव सेवा धाम में ब्रज प्रांत के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं और पूर्व पदाधिकारियों के संग बैठक में हिंदुओं की एकजुटता के मूल मंत्र को ही रखा।
भागवत ने दिए ये निर्देश
उन्होंने वरिष्ठजनों से कहा कि आपके पास अनुभव है। आपको शाखा के अलावा लोगों के साथ पंचायत कर हिंदू धर्म की एकजुटता का संदेश देना चाहिए। कहा, जात-पात से ऊपर उठकर सनातन धर्म को सर्वोपरि रखना होगा। हिंदुओं का केवल सनातन धर्म है। सनातन की ध्वजा गांव-गांव और बस्ती-बस्ती में फहरानी होगी। आर्थिक स्थिति को मजबूत करना होगा।
ऐसा कर हम चीन व अन्य देशों को पछाड़ कर अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पहुंच जाएंगे। सभी को पता है मैनपावर से ही शक्तिशाली नहीं बना जा सकता। संघ प्रमुख ने शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों पर भी मंथन किया। कहा कि विजयदशमी से अधिकतम शाखाएं लगानी हैं। बड़े- बड़े युवा व हिंदू सम्मेलनों का आयोजन करना है। ऐसे अवसर उत्सव के लिए नहीं होते हैं, बल्कि यह हमें आत्मचिंतन करने व अपने उद्देश्य के प्रति उन्हें समर्पित होने का अवसर होता है।
संघ के 100 वर्षों में जो कार्य हुआ है, उसे दिशा देने वाले समर्पित कार्यकर्ताओं और इस कार्य में नि:स्वार्थ भाव से जुड़ने वाले स्वयंसेवकों, प्रचारकों व उनके परिवारों के समर्पण का भी अवसर है। बैठक में अलीगढ़ के अलावा, आगरा, बरेली मंडल के 53 से 86 वर्ष के करीब पचास पूर्व वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल हुए। सोमवार को भी बैठक होगी। इसके बाद दोपहर तीन बजे संघ प्रमुख दिल्ली के लिए कार से रवाना होंगे।
सबसे छोटे स्वयंसेवक के घर गए संघ प्रमुख
भगत सिंह विद्यार्थी शाखा में शामिल होने के बाद शनिवार की रात संघ प्रमुख शाखा के सबसे छोटे स्वयंसेवक विभोर शर्मा के घर गए। विभोर की उम्र छह वर्ष है। संत फिदेलिस जूनियर विंग में कक्षा एक का छात्र है। कम समय में ही शाखा में होने वाली प्राथमिक क्रियाओं को सीख लिया है।
उसके पिता दिवाकर शर्मा भी पंचनगरी की व्यावसायिक शाखा में मुख्य शिक्षक हैं। डा. भागवत करीब एक घंटा उनके घर पर रहे। परिवार के लोगों के कामकाज के बारे में जाना। विभोर की तारीफ करते हुए उसे बेहतर शिक्षा के साथ राष्ट्र निर्माण की सीख दी।