सोशल मीडिया कंपनियों के लिए आज खत्म हो गई डेडलाइड, जानें गूगल और फेसबुक ने क्या कहा?
नई दिल्ली । देशभर में सोशल मीडिया बैन की खबरें खुब चर्चा में बनी हुई है। इसी बीच दुनिया के प्रमुख डिजिटल कंपनियों में गूगल और फेसबुक ने साफ किया है कि वह नए आईटी नियमों के लिए कदम उठा रही है। दरअसल भारत सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों को फरवरी में कुछ नियमों का पालन करने का निर्देश दिया था, इसके लिए कंपनियों को सरकार की ओर से 3 महीने का समय दिया गया था। जिसकी अवधि अब 26 मई को पूरी होने जा रही है। ऐसे में जानकारी मिली है कि इन सभी सोशल मीडिया कंपनी जैसे फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम ने सरकार के नियमों का पालन अब तक नहीं किया है।
लगातार सरकार के संपर्क में है फेसबुक
गौरतलब है कि नए नियम के तहत ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसे बड़े सोशल मीडिया मंचों को अतिरिक्त उपाय करने की जरूरत होगी। जिसमें मुख्य तौर से नोडल अधिकारी, अनुपालन अधिकारी और शिकायत अधिकारी की नियुक्ति शामिल है। बताया जा रहा है कि अगर यह सोशल मीडिया कंपनियां नियम नहीं मानते हैं तो इन्हें मध्यस्था की स्थिति खोनी पड़ सकती है। ऐसे में गूगल के प्रवक्ता ने कहा है कि कंपनी ने प्रभावी और निष्पक्ष तरीके से अवैध सामग्री से निपटने और परिचालन वाले जगह पर स्थानीय नियमों का अनुपालन करने के लिए कदम उठाए हैं। गूगल के प्रवक्ता ने कहा कि इसके लिए संसाधनों और कर्मियों में लगातार निवेश किए जा रहे हैं।
इसके अलावा फेसबुक के एक प्रवक्ता ने बताया कि कंपनी परिचालन पर नियमों को लागू करने के लिए काम कर रही है और कंपनी का उद्देश्य आईटी नियमों के प्रावधानों का पालन करना है। फेसबुक प्रवक्ता ने कहा की कुछ मुद्दों को लेकर स्पष्टता के लिए हम लगातार सरकार के संपर्क में है।
कंपनियों को दिया गया था 3 महिने का समय
बता दें कि केंद्र सरकार ने 25 फरवरी 2021 को भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय की तरफ से डिजिटल कंटेंट को रेग्यूलेट करने के लिए 3 महीने के भीतर कंप्लायंस अधिकारी, नोडल अधिकारी आदि को नियुक्त करने के लिए कहा गया था और इन सभी का कार्यक्षेत्र भारत में होना चाहिए था। लेकिन सूत्रों की मानें तो इन सोशल मीडिया जायंट्स ने अब तक इन नियमों को लागू नहीं किया है। सूत्रों का कहना है कि जो भी कंपनी इन नियमों का पालन करने में फेल होती है उनके इंटरमीडियरी स्टेटस को खत्म किया जा सकता है और उन पर आपराधिक कार्रवाई भी की जा सकती है। सूत्रों ने यह भी कहा कि, हालांकि वे एक इंटरमीडियरी होने के संरक्षण का दावा करते हैं, लेकिन वे भारतीय संविधान और कानूनों के संदर्भ के बिना अपने स्वयं के मानदंडों के माध्यम से कंटेंट को मॉडिफाई करने और निर्णय लेने के लिए अपने नियमों का पालन करते हैं।