क्षणिक लोलुप्ता लिए....रोटी रहे हैं सेंक
BY Anonymous26 Feb 2021 2:20 AM GMT

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Anonymous26 Feb 2021 2:20 AM GMT
अभय सिंह ....
उत्तर और दक्षिण।
हमारे लिए हैं एक।।
क्षणिक लोलुप्ता लिए।।
रोटी रहे हैं सेंक।।
गैर जिम्मेदाराना।
अक्सर देते बयान।।
खो देते हैं आपा।
रखते नही ध्यान।।
हुआ खड़ा सवाल।
मच गया बवाल।।
आपस में लड़वाकर।
क्या चल रहे हैं चाल?
चारो दिशाएं अपनी।
पाटो ना दीवार।।
ठेस पहुंचना ठीक नहीं।
दिया जिसने लाड प्यार।।
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